12वीं के परीक्षा परिणाम घोषित होने में होगी देरी? क्या कारण होगा?

Will there be a delay in the declaration of 12th exam results? What would be the reason?

राज्य माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 12वीं की बोर्ड परीक्षा 21 फरवरी से शुरू हो चुकी है| सभी छात्र 12वीं की पढ़ाई पर पूरा फोकस कर रहे हैं। अभिभावकों को अपने बच्चों के परीक्षा परिणाम का बेसब्री से इंतजार है। लेकिन संभावना है कि 12वीं का रिजल्ट देरी से आए। क्योंकि मॉडरेटर ने परीक्षा और परिणाम समय के दौरान उत्तर पुस्तिका जांच का बहिष्कार किया है। इसका असर रिजल्ट पर पड़ेगा।

रिजल्ट में क्यों देरी ? : बोर्ड की ओर से 12वीं की परीक्षा के लिए नकल मुक्त अभियान चलाया गया। उनकी जीत की तैयारी की गई थी। लेकिन 12वीं के अंग्रेजी के पेपर में कई गलतियां हुईं। साथ ही कई परीक्षा केंद्रों में नकल की खबरें भी आईं। प्रश्नपत्र हाथ में आते ही वाट्सएप पर निकल आए।

 
क्या है मांग : बोर्ड इस संकट से नहीं निकल पा रहा है वही पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर नरमपंथियों ने उत्तर पुस्तिकाओं की जांच का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है|  औरंगाबाद में बोर्ड के कार्यालय के सामने भी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। परीक्षार्थियों के इस फैसले से 12वीं के रिजल्ट में देरी होने की संभावना है|

271 नकल विरोधी टीम : इस वर्ष 14 लाख 57 हजार 293 विद्यार्थी परीक्षा के पात्र हैं। उसके लिए 3 हजार 195 केंद्र बनाए गए हैं। नकल विहीन अभियान को लागू करने के लिए इस वर्ष 271  नकल विरोधी टीमें (उड़ाका दाल) होंगी। तो इस पूरी परीक्षा प्रक्रिया के संचालन के लिए 21 हजार 396 शिक्षकों और गैर शिक्षक कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है|

क्या थी तैयारी : परीक्षा केंद्र को नकल मुक्त बनाने पर विशेष जोर दिया गया है। प्रश्न पत्र को सीलबंद लिफाफे में लाना चाहिए, इसके अलावा इसे केवल दो छात्रों के हस्ताक्षर से खोला जाना चाहिए। इस दौरान जीपीएस वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा। कंट्रोल रूम से इसकी निगरानी की जाएगी। प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर वाहन किस तरफ जा रहा है? क्या यह समय पर आता है? इसकी निगरानी की जाएगी।

अंग्रेजी के पेपर में प्रश्न की जगह उत्तर : दूसरे दिन हुए अंग्रेजी के पेपर में तीन प्रश्नों में एक प्रश्न के स्थान पर उत्तर दिया गया। दो प्रश्नों में प्रश्नों के स्थान पर परीक्षक को निर्देश दिये जाते हैं। अब इसका सटीक उत्तर क्या होना चाहिए? इसकी जानकारी छात्रों के पास नहीं थी। उन्होंने यह मामला निरीक्षकों के ध्यान में लाया। बाद में पता चला कि यह बहुत बड़ी गलती थी। इसलिए छात्रों को ये अंक मिलने की संभावना है। बोर्ड ने अभी तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं सुनाया है।
यह भी पढ़ें-

एक्साइज ड्यूटी घोटाले में ईडी का अरविंद केजरीवाल के पीए को समन !

Exit mobile version