महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच राज्य सरकार को सौंपने से इंकार कर दिया। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की जांच को प्रदेश सरकार को सौंपने की मांग की थी। राज्य सरकार ने अपनी दलील में कहा था कि यह मामला सीबीआई के बजाय एसआईटी को ट्रांसफर करने का अनुरोध किया था।
महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि सीबीआई की जांच में पक्षपात हो सकता है। क्योंकि राज्य के पूर्व पुलिस प्रमुख सुबोध कुमार जायसवाल जांच एजेंसी के प्रमुख हैं। राज्य सरकार का कहना है कि जायसवाल नियुक्तियों और तबादलों की निगरानी करते थे। मालूम हो कि अनिल देशमुख पर आरोप है कि उन्होंने गृहमंत्री के पद पर रहते हुए तबादलों और पोस्टिंग में रिश्वत ली थी। इस मामले में 2021 में अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। तब बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। वहीं, राज्य सरकार ने इस मामले में कुछ आपत्तियां जाहिर की थीऔर साथ ही इसकी जांच एसआईटी से कराने की मांग की थी।
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