मुंबई। ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान निलंबित किए गए भाजपा के 12 विधायक आगामी 4 अक्टूबर को होने वाले राज्यसभा उपचुनाव में मतदान कर सकेंगे। केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य विधानमंडल को निलंबित विधायकों के लिए विधान भवन परिसर में अलग से मतदान केंद्र बनाने को कहा है। निलंबन के चलते ये विधायक मतदान के लिए विधान भवन में नहीं जा सकते।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने इस बाबत संबंधित रिटर्निंग अधिकारी और विधानमंडल के प्रमुख सचिव द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। चुनाव आयोग के अतिरिक्त सचिव की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि निलंबित विधायकों के लिए अलग पोलिंग पार्टी, बैलेट बॉक्स और पर्याप्त संख्या में बैलेट पेपर की व्यवस्था की जा सकती है। राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों को इस पोलिंग स्टेशन पर अलग एजेंट तैनात करने की भी इजाजत दी जानी चाहिए। पोलिंग स्टेशन सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक खुला रहेगा। विधायक पहले मतदान कर लें तब भी यह चार बजे तक खुला रहेगा। मतदान खत्म होने के बाद पूरी सुरक्षा में बैलेट बाक्स मतगणना केंद्र पर ले जाया जाना चाहिए। मतगणना केंद्र में सभी बैलेट पेपर को मिलाने के बाद ही मतगणना की जानी चाहिए।
इन विधायकों को किया गया है निलंबित: बता दें कि संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भातखलकर, पराग अलावणी, हरीष पिंपले, योगेश सागर, जय कुमार रावल, नारायण कुचे, राम सातपुते और बंटी भांगड़िया को निलंबित किया गया है। गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राजीव सातव के निधन के कारण खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए चार अक्टूबर को उपचुनाव होने हैं। कांग्रेस ने रजनी पाटील और भाजपा ने संजय उपाध्याय को मैदान में उतारा है।