पडोसी राज्य में निपाह वायरस की दस्तक से सतर्क हुआ तमिलनाडु !

पडोसी राज्य में निपाह वायरस की दस्तक से सतर्क हुआ तमिलनाडु !

tamil-nadu-on-alert-after-nipah-virus-reported-in-kerala

केरल के पलक्कड़ और मलप्पुरम जिलों में निपाह वायरस के संक्रमण की खबरों के बाद, तमिलनाडु सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। राज्य के लोक स्वास्थ्य एवं निवारक चिकित्सा निदेशालय ने शनिवार (12 जुलाई) को एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए जनता को आश्वस्त किया कि तमिलनाडु में अभी तक निपाह वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सभी आवश्यक एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।

तमिलनाडु ने केरल से सटे जिलों में विशेष चिकित्सा टीमों की तैनाती की है जो किसी भी संदिग्ध मामले पर नजर रखने और त्वरित कार्रवाई के लिए 24 घंटे सक्रिय हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि राज्य में किसी भी संभावित प्रकोप को रोकने के लिए हाई अलर्ट घोषित किया गया है और सभी सरकारी अस्पतालों में निगरानी बढ़ा दी गई है।

निदेशालय ने जनता से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, लेकिन पूरी सतर्कता बरतें। बुनियादी स्वच्छता नियमों का पालन करें और स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी अनियमितता को नजरअंदाज न करें। खासकर वे लोग जो हाल ही में केरल के प्रभावित क्षेत्रों से लौटे हैं या किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, उन्हें किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में संपर्क करने की सलाह दी गई है।

निपाह वायरस से संक्रमित व्यक्ति में बुखार, सिरदर्द, उल्टी, भ्रम, सांस लेने में दिक्कत, दौरे और गंभीर मामलों में बेहोशी जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे बिना धोए या गिरे हुए फल खाने से बचें, सभी फलों को खाने से पहले अच्छी तरह धोएं और बार-बार साबुन से हाथ धोकर स्वच्छता बनाए रखें।

राज्य सरकार ने सभी जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखें और निवारक उपायों को सख्ती से लागू करें। केरल में स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर आगे के कदम उठाए जाएंगे।

निपाह वायरस एक जूनोटिक (पशुजन्य) रोग है, जो आमतौर पर चमगादड़ों या सूअरों से मनुष्यों में फैलता है। यह रोग मुख्य रूप से संक्रमित फल चमगादड़ों के लार या मूत्र से दूषित फलों के सेवन से या संक्रमित मनुष्य के संपर्क में आने से फैलता है। इस वायरस की मृत्यु दर काफी अधिक होती है, इसलिए त्वरित पहचान और रोकथाम अत्यंत आवश्यक है।

तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाह या गलत सूचना को न फैलाएं और केवल सरकार द्वारा जारी आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करें। विभाग ने यह भी दोहराया कि वह केरल की स्थिति पर नजर रखे हुए है और राज्य की जनता की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें:

‘अर्बन नक्सलवाद’ पर नकेल कसने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में पारित हुआ विशेष कानून!

भारत का रुस से कच्चा तेल खरीदना विश्व के लिए ठहरा लाभकारी: हरदीप सिंह पूरी

भारत में पहली वैश्विक पांडुलिपि धरोहर सम्मेलन का आयोजन!

Exit mobile version