मुंबई। मराठा आरक्षण बचाने में नाकाम रही महा विकास आघाडी सरकार के नेता अब मराठा समाज के कोपभाजन से बचने के लिए नई नई तरकीब अपना रहे। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ की तर्ज पर आरक्षण विरोधी संस्था ‘सेव मेरीट, सेव नेशन’ को आरएसएस से जुड़ी संस्था बताया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण को रद्द किए जाने के बाद से मराठा समाज राज्य की महा विकास आघाडी सरकार से बेहद नाराज है। राज्य की पिछली फडणवीस सरकार ने न सिर्फ मराठा आरक्षण लागू किया बल्कि उसे हाईकोर्ट में भी बचाने में कामयाब हुई थी पर राज्य में तीन दलो की सरकार आने के बाद सर्वोच्च अदालत में मजबूती से पक्ष नहीं रखा जा सका जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट में मराठा आरक्षण टिक नहीं सका।
कांग्रेस नेता सावंत ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मराठा आरक्षण लागू होने के वक्त ‘सेव मेरिट, सेव नेशन’ संस्था अचानक बनी। इस संस्था के संस्थापक डॉ अनिल लडहड आरएसएस से जुड़े हैं। जबकि संस्था का पता जिस डॉ अनूप मरार का है, वे भाजपा के डॉक्टर सेल के पश्चिम विदर्भ अध्यक्ष रहे हैं। उनकी फडणवीस के साथ कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर हैं। यह पूछे जाने पर की क्या इस संस्था की वजह से सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण टिक नहीं सका या सरकार मजबूती से अपना पक्ष नहीं रख सकी? इस सावंत ने कहा कि मराठा आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने वालो में यह संस्था भी थी।
मराठा आरक्षण के लिए सभी दल साथ आये, पवार से मिलने के बाद बोले सांसद संभाजी राजे
सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण रद्द किये जाने के बाद मराठा आरक्षण के लिए सक्रिय हुए सांसद संभाजी राजे ने कहा है कि इस विषय को लेकर सभी दलों के नेताओं को एकजुट होने की जरूरत है। गुरुवार को उन्होंने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। पवार के साथ बैठक के बाद राजे ने पत्रकारों से कहा कि मैंने पिछले दिनों महाराष्ट्र का दौरा किया है। आरक्षण को लेकर मराठा समाज मे छोभ का भाव है। वे दुखी हैं। मैंने श्री पवार से कहा है की इस मसले का हल निकालने के लिए सभी दलों के नेताओं को एक साथ आना होगा। सांसद राजे ने कहा कि शुक्रवार को मै मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और फिर विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से मिलने वाला हु। उन्होंने कहा कि मैंने श्री पवार से कहा है कि वे इसको लेकर अगुवाई करें जिससे इस समस्या का समाधान निकल सके। गौरतलब है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने फडणवीस सरकार द्वारा लागू मराठा आरक्षण को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती। आरक्षण रद्द होने के बाद मराठा समाज ने सड़को पर उतर कर आंदोलन की चेतावनी फि थी पर सँभाजी राजे ने कोरोना संकट में इस तरह के आंदोलन से बचने की सलाह दी थी।