मुंबई। राज्य की ठाकरे सरकार अल्पसंख्यकों पर खासी मेहरबान है। कोरोना संकट में आर्थिक दिक्कतों के बावजूद सरकार अल्पसंख्यक छात्रों के लिए तिजोरी खोल दी है। बीते मानसून अधिवेशन में पेश पूरक मांगों से मौलाना आजाद अल्पसंख्यक विकास महामंडल की पूंजी में 75 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की गई है। विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान इसे मंजूरी दी गई थी। इससे अधिक से अधिक अल्पसंख्यक छात्रों शैक्षणिक कर्ज उपलब्ध हो सकेगा। राज्य के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने महामंडल को 700 करोड़ उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि इस महामंडल के स्थापना से इसी पूंजी सीमा 500 करोड़ रुपए तक सीमित थी। जिसमें से 482 करोड़ रुपए महामंडल को उपलब्ध हो चुके हैं। इस साल के बजट में 25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वित्तमंत्री अजीत पवार ने 2021-22 का बजट पेश करते समय महामंडल की अधिकृत पूंजी में 200 करोड़ रुपए की वृद्धि का वादा किया था। इससे महामंडल की पूंजी 700 करोड़ हो जाएगी। बीते मानसून सत्र में पेश पबरक मांगों में महामंडल के लिए 75 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मलिक ने कहा कि राशि बढ़ने से अधिक से अधिक अल्पसंख्यक छात्रों को शिक्षा कर्ज मिल सकेगा।
महामंडल के योजना के तहत मेडिकल शिक्षा के लिए 2.50 लाख रुपए का कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। जबकि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास व वित्त निगम से कर्ज के स्वरुप मिलने वाली निधि से डा एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा कर्ज योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपए का कर्ज उपलब्ध कराया जाता है। मेडिकल शिक्षा के लिए 10 लाख तक का शिक्षा कर्ज उपलब्ध कराने की सरकार की मंशा है। मौलाना आजद शिक्षा कर्ज योजना के लिए परिवार की वार्षिक आय की सीमा को बढ़ा कर 8 लाख करल दिया गया है। राज्य की अल्पसंख्यक बहुल महिला बचत गटों को 2 लाख रुपए तक का कर्ज उपलब्ध कराया जा रहा है।