मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया कि वह राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के लिए दस्तावेज़ साझा करने को लेकर उपजे मुद्दे को केंद्रीय एजेंसी के साथ सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करेगी। राज्य सरकार ने पहले दावा किया था कि सीबीआई की ओर से मांगे गए दस्तावेजों का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की एजेंसी की जांच से कोई संबंध नहीं है। न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की खंडपीठ सीबीआई द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार देशमुख के खिलाफ जांच के संबंध में कुछ दस्तावेज देने से मना करके सहयोग नहीं कर रही है।
अदालत ने पिछले हफ्ते राज्य सरकार से इस मामले पर पुनर्विचार करने को और यह बताने को कहा था कि क्या वह कोई दस्तावेज साझा करने को तैयार है या नहीं। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील रफीक दादा ने मंगलवार को उच्च न्यायालय की पीठ को बताया कि उनकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक हुई है। उन्होंने कहा, “हम मामले को सुलझने में सक्षम होंगे। हमें उम्मीद है कि इसे निपटा लेंगे।” उन्होंने अदालत से कहा कि सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह के साथ बैठक की जाएगी। इसके बाद पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 अगस्त की तारीख तय की।