मुंबई। हाईकोर्ट की फटकार के बाद अब महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार ने अदालत को बताया है कि कोरोना महामारी के फ्रंट लाइन वर्कर के बीमा लाभ की अवधि बढ़ाने के बारे में दो सप्ताह के भीतर फैसला लेंगे। फिलहाल यह फाईल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पास पड़ी है। दरअसल मई 2020 में कोरोना के इलाज में जुटे मेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मियों और कोर्ट के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए 50 लाख का बीमा कवर दिया गया था। जिसकी अवधी दिसंबर 2020 में समाप्त हो गई। केंद्र सरकार ने अपने बीमा कवर की अवधि बढ़ा दी पर कोरोना संकट के विकराल रुप लेने के बावजूद ठाकरे सरकार इस बारे में फैसला नहीं ले रही है।
इसको लेकर बांबे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर हुई है। पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा था कि आखिर इस बारे में कम फैसले लेंगे। सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि इस बारे में वित्त विभाग के मार्फत एक प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है। जिसमें बीमा लाभ को 6 माह तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। हाईकोर्ट में सहायक सेक्शन अधिकारी दिलीप सावंत की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। सावंत ने याचिका में कहा है कि राज्य सरकार ने 29 मई 2020 कोरोना योद्धाओं के लिए 50 लाख रुपए के बीमा लाभ की घोषणा की गई थी। जिसमें शुरुआत में स्वास्थ्यकर्मियों व पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया था।
बाद में कोर्ट कर्मचारियों को बीमा कवर के दायरे में लाया गया था। लेकिन दिसंबर 2020 में इसकी अवधि समाप्त होने के बाद यानी 5 माह बाद भी इस बीमा कवर की अवधि को बढ़ाए जाने के संबंध में सरकारी आदेश जारी नहीं हो सका। याचिका पर गौर करने व सरकारी वकील से मिली जानकारी के बाद न्यायमूर्ति के के तातेड़ व न्यायमूर्ति एन आर बोरकर की खंडपीठ ने कहा कि सरकार 29 मई 2020 के शासनादेश के तहत निर्धारित लाभ को बढ़ाने के बारे में दो सप्ताह में निर्णय ले और इसकी जानकारी याचिकाकर्ता के वकील को दे।