मजदूर लौटा पर परिवार नहीं,इसलिए मुंबई में तेजी से घटी जन्म दर में गिरावट

मजदूर लौटा पर परिवार नहीं,इसलिए मुंबई में तेजी से घटी जन्म दर में गिरावट

मुंबई । मनपा द्वारा जारी आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है, जन्मदर में गिरावट का कारण कोरोना है, मुंबई में जब कोरोना संक्रमण बहुत ज्यादा था और कड़क लॉकडाउन था तब बड़ी तादाद में लोग अपने परिवार को लेकर शहर से बाहर गए, इस वजह से 2019 की तुलना में 2020 में जन्म दर में लगभग 26 प्रतिशत की कमी आई है। 2015 के बाद जन्म दर में पहली बार ऐसी कमी दिखाई दे रही है। कोरोना संक्रमण की वजह से जन्म दर में कमी आने का प्रमाण मुंबई महानगरपालिका द्वारा दिए गए आंकड़ों में दिखाई दे रहा है। आंकड़ों के मुताबिक यहां 2015 में 1 लाख 74 हजार बच्चों का जन्म हुआ था। इसके बाद 2016 में यहां 1 लाख 52 हजार बच्चों का जन्म हुआ। इस संख्या में 21 हजार 950 तक की कमी आ गई। कभी थोड़ी कमी तो कभी थोड़ी बढोत्तरी होती रही,2019 में 1 लाख 48 हजार बच्चों ने मुंबई में जन्म लिया, 2020 में जन्म दर में सबसे ज्यादा कमी देखने में आई।

इस साल 42 हजार कम बच्चों ने जन्म लिया, इस तरह 2019 की तुलना में 2020 में मुंबई में जन्मदर 26 तक गिर गई। 2020 में जन्मे बच्चों में 52 प्रतिशत बालकों और 48 प्रतिशत बालिकाओं का जन्म हुआ। 2019 में बालकों की संख्या 47.23 प्रतिशत और बालिकाओं की संख्या 44.28 प्रतिशत थी। जन्मदर में भी (प्रति एक हजार की संख्या की तुलना में)2020 में पिछले 5 सालों की सबसे बड़ी गिरावट दिखाई दी, मुंबई में घर में ही डिलिवरी होने की संख्या 2015 में 1465 थी. बाद में यह घट कर 2019 में 353 महिलाओं की डिलिवरी घरों में हुई. 2020 में इसमें और भी अधिक कमी आई। इस साल यहां सिर्फ 256 महिलाओं ने घरों में डिलिवरी करवाई.हर साल मुंबई में करीब डेढ लाख बच्चों का जन्म होता है. लेकिन लॉकडाउन के वक्त बहुत सारे परिवार यहां से चले गए. मजदूर अपने-अपने गांव चले गए, स्थिति सुधरने पर वे मुंबई लौटे, पर उनके साथ उनका परिवार नहीं लौटा।

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