महाराष्ट्र में गिरता जा रहा राजनीति का स्तर

उपमुख्यमंत्री ने जताई चिंता  

महाराष्ट्र में गिरता जा रहा राजनीति का स्तर
भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में राजनीति के गिरते स्तर को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि इसके के लिए दोनों पक्ष जिम्मेदार हैं। स्थिति संभालने के लिए जरुरी है कि पक्ष और विपक्ष दोनों के वरिष्ठ नेता अपने नेताओं को जबान संभाल कर बात करने की हिदायत दें। इस बीच एनसीपी नेताओं ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर सांसद सुप्रिया सुले को लेकर अपशब्द इस्तेमाल करने वाले मंत्री अब्दुल सत्तार को बर्खास्त करने की मांग की।

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैं सत्तार के बयान का समर्थन नहीं करूंगा। उनका एक महिला के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करना गलत है। लेकिन किसी के खिलाफ खोके लेने का आरोप लगाना और उलट-सुलट बोलना भी ठीक नहीं है। पक्ष और विपक्ष दोनों ओर के लोगों को आचार संहिता का पालना करना चाहिए। क्योंकि राज्य की राजनीति का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। इसके लिए सभी दलों के बड़े नेता जब तक अपने लोगों को विवादित टिप्पणी करने से मना नहीं करते हैं तब तक यह संभव नहीं होगा। पक्ष और विपक्ष दोनों ओर के नेताओं को आचार सहिंता का पालन करना चाहिए।

हम चुप नहीं बैठेगेः एनसीपी ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर पार्टी सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करने वाले प्रदेश के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार को बर्खास्त करने की मांग की है। मंगलवार को राकांपा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। पार्टी की ओर से सत्तार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया।
प्रदेश एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि पार्टी सत्तार को बर्खास्त किए जाने तक चुप नहीं बैठेगी। यह मामला केवल माफी मांगने से खत्म नहीं होगा। इसलिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सत्तार के बारे में तत्काल फैसला लेना चाहिए। मुख्यमंत्री को विचार करना चाहिए कि उनकी सरकार के मंत्री कैसे होने चाहिए? साथ ही यदि भाजपा को सत्तार की भाषा स्वीकार होगी तो उपमुख्यमंत्री उन्हें बर्खास्त नहीं करेंगे। भाजपा को तय करना पड़ेगा कि सरकार बचाने के लिए उसको किस-किस का बोझ उठाना है।
 पाटील ने कहा कि उन्होंने इसके पहले एक जिलाधिकारी से कहा था कि चाय नहीं तो शराब पीते हो क्या? मंत्री को मर्यादा का पालन करना पड़ता है। लेकिन सत्तार ने बार-बार विवादित टिप्पणी की है। सरकार के मंत्रियों की महिलाओं को लेकर क्या सोच है। यह राज्य की जनता देख रही है। सत्तार के बयान को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
इस सवाल पर राकांपा नेता पाटील ने कहा कि अजित अपने एक पारिवारिक कार्यक्रम के चलते बाहर हैं। वे लौटने के बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे। पाटील ने कहा कि सुप्रिया अजित की बहन हैं। सत्तार ने सुप्रिया के लिए निचले दर्ज के शब्दों का इस्तेमाल किया है। ऐसे में अजित क्या बोलेंगे? इसलिए मीडिया को अजित से टिप्पणी की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। पार्टी की ओर से हम लोग भूमिका व्यक्त कर रहे हैं।
महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं: वहीं राकांपा सांसद सुप्रिया ने सत्तार का नाम लिए बिना उन पर टिप्पणी की है। सुप्रिया ने ट्वीट करके कहा कि राज्य के एक मंत्री ने जिस तरीके से अपशब्दों का इस्तेमाल किया वह महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है। सत्ता में बैठे लोगों से ऐसे बयानों से अपेक्षा नहीं होती। सुप्रिया ने कहा कि महिला का सम्मान न होने पर बेचैनी होना स्वाभाविक है। फिर भी हमें इस तरह की प्रवृत्ति को किनारे करके राज्य की सुसंस्कृत परंपरा का जतन करना चाहिए।
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