मुंबई। शिवसेना की यामिनी जाधव की विधायकी खतरे में हैं। आयकर विभाग ने जाधव की विधानसभा सदस्यता खारिज किए जाने की सिफारिश की है। उन पर 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल किए एफिडेविट में गलत जानकारी दिए जाने का आरोप है। इस मुद्दे को लेकर भाजपा नेता एवं विधायक अतुल भातखलकर ने आक्रामक तेवर अख्तियार करते हुए ट्वीट करके ठाकरे सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने ठाकरे सरकार को झपट-मार सरकार बताया है।
हराया था एमआईएम के वारिस पठान को: 2019 के विधानसभा चुनाव में यामिनी जाधव ने शिवसेना के टिकट पर भायखला निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और एमआईएम के वारिस पठान को हराकर निर्वाचित हुई थीं। लेकिन अब आयकर विभाग की सिफारिश के बाद यामिनी की विधानसभा सदस्यता पर खतरे के घने बादल मंडरा आए हैं।
खुली कोलकाता की कंपनी से हुई डीलिंग: आयकर विभाग के मुताबिक 2019 के विधानसभा चुनाव के समय जाधव ने दाखिल किए एफिडेविट में अपनी आय से संबंधित कुछ जानकारी छिपाई थी, यह उसे एफिडेविट की जांच किए जाने पर पता चला है। जाधव के कोलकाता की एक शेल कंपनी के साथ डीलिंग किए जाने का रहस्योद्घाटन हुआ है, जिसमें यामिनी जाधव, उनके पति व परिवारजनों को वित्तीय कमाई हुई।
करोड़ों कमाए: जाधव की प्रधान डीलर्स नामक एक कंपनी के साथ करोड़ों रुपए की डील हुई बताई जा रही है। इसके शेल कंपनी होने का खुलासा हुआ है, जिसे उदय महावर नामक व्यक्ति संचालित करता है। उदय महावर का नाम इससे पहले नेशनल हेराल्ड प्रकरण में भी सामने आ चुका है।