महाराष्ट्र के तीन दलों वाली सरकार में समन्वय का अभाव बार-बार दिखाई देता है। सरकार के मंत्री कुछ बोलते हैं और मुख्यमंत्री कुछ अलग ही फैसला लेते हैं जिसकी जानकारी वरिष्ठ मंत्रियों को भी नहीं रहती। ताजा मामला नवरात्र में गरबा-डांडिया का है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने दो दिनों पहले जालना में कहा था कि मुंबई को छोड़ कर राज्य के अन्य सभी इलाकों में गरबा के आयोजन पर रोक नहीं रहेगी। लेकिन सोमवार को राज्य के गृह विभाग की तरफ से जारी सर्कुलर में पूरे राज्य में गरबा डांडिया पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया गया है।
महाराष्ट्र में गरबा-डांडिया पर रहेगी पाबंदी,राज्य सरकार ने जारी किए दिशा निर्देश
मुंबई। कोरोना महामारी के चलते प्रदेश भर में नवरात्रि के त्योहार के मौके पर गरबा और डांडिया के आयोजन पर पाबंदी रहेगी। सार्वजनिक मंडलों में देवी दुर्गा की चार फुट ऊंची मूर्ति और घरेलू मूर्ति दो फुट ऊंची स्थापित करने की अनुमति होगी। दुर्गादेवी दर्शन की सुविधा ऑनलाइन, केबल नेटवर्क, वेबसाइट और फेसबुक के माध्यम से उपलब्ध कराने की व्यवस्था करनी होगी। दिशा निर्देश के अनुसार प्रत्यक्ष सार्वजनिक मंडल में आकर दुर्गा दर्शन करने वाले भक्तों के लिए ‘ब्रेक द चेन’ के संशोधित नियमों का पालन करना होगा। सोमवार को राज्य सरकार के गृह विभाग ने नवरात्रि त्योहार मनाने को लेकर दिशा निर्देश जारी किया। इसके अनुसार नवरात्रि पर गरबा, डांडिया और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक रहेगी। इसके बजाय स्वास्थ्य से संबंधी रक्तदान शिविर से जुड़े उपक्रम आयोजित करना होगा। कोरोना, मलेरिया, डेंग्यू आदि बीमारियों और स्वच्छता को लेकर लोगों का जागरुक करने को कहा गया है।
गलत साबित हुआ टोपे का दावा
इसके पहले बीते सप्ताह प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने दावा किया था कि मुंबई मनपा क्षेत्र को छोड़कर बाकी इलाकों में गरबा के आयोजन की अनुमति देने के लिए राज्य का सांस्कृतिक कार्य विभाग तैयार है। हालांकि अब सरकार ने परिपत्र में स्पष्ट कहा है कि राज्य भर में गरबा और डांडिया के आयोजन पर रोक रहेगी। नवरात्रि में सार्वजनिक मंडलों में आरती, भजन, कीर्तन और अन्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करते समय भीड़ के जुटान को टालना होगा। ध्वनि प्रदूषण संबंधी नियमों का पालन करना पड़ेगा। सार्वजनिक मंडलों में एक समय में पांच से अधिक कार्यकर्ता मौजूद नहीं रह पाएंगे। मंडप में खाद्य पदार्थ और पेयजल की व्यवस्था करने पर सख्त मनायी रहेगी। दुर्गा आगमन और विसर्जन के मौके पर जुलूस नहीं निकाला जा सकेगा। सार्वजनिक नवरात्रि उत्सव के लिए मंडलों को मनपा और स्थानीय प्रशासन की नीति के अनुसार उचित पूर्व अनुमति लेना आवश्यक होगा।
कोरोना की स्थिति को देखते हुए मनपा और संबंधित स्थानीय प्रशासन के नीति के अनुरूप मंडप बनाना होगा। सरकार ने कहा है कि पिछले साल की तरह इस साल भी संभव हो तो देवी दुर्गा की मूर्ति की बजाय घर की धातू अथवा संगमरमर आदि की मूर्तियों का पूजन करें। मूर्ति पर्यावरण पूरक होने पर घर में ही विसर्जन का प्रयास करें। यदि घर में संभव नहीं हुआ तो कृत्रिम स्थल पर विसर्जन करे लिए स्थानीय प्रशासन से तालमेल स्थापित करना होगा। पारंपरिक तरीके से विसर्जन स्थल के बजाय घर पर ही आरती करके विसर्जन की जगह पर आना होगा। विसर्जन स्थल पर छोटे बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को जाने पर रोक रहेगी। संपूर्ण चाल अथवा इमारतों की सभी घरेलू दुर्गा मूर्तियों के विसर्जन के लिए एक साथ जुलूस निकालने पर रोक रहेगी। मनपा, विभिन्न मंडलों, गृहनिर्माण संस्था, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से कृत्रिम तालाबों का निर्माण करना होगा। नागरिकों की भीड़ को टालने के लिए स्थानीय प्रशासन को प्रभाग समितिवार मूर्ति स्वीकृति केंद्र की व्यवस्था करने के बारे में जागरूकता फैलानी होगी।