पुणे। Union Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari ने पुणे में कहा कि सड़कों पर पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियों को वे बंद करने की इच्छा रखते हैं। वे अगले 3-4 महीने में जैव-ईंधन से चलने वाले वाहनों से जुड़ा एक आदेश जारी करने वाले हैं। वे बजाज-टीवीएस जैसे वाहन निर्माताओं से यह साफ कह चुके हैं कि वे उनके पास अब तभी कोई काम लेकर आएं जब वे फ्लेक्स-फ्यूल इंजन से जुड़े वाहन बनाने लगें, वे जो आदेश लाने जा रहे हैं उसके तहत देश के लिए अब फ्लेक्स-फ्यूल इंजन के लिए एक स्पष्ट नीति होगी। पेट्रोल-डीजल से चलने वाले इंजन के बजाए गाड़ियों में फ्लेक्स इंजन लगाना ज़रूरी कर दिया जाएगा, यानी वाहन निर्माताओं को अब ऐसी गाड़ियों को बनाना पड़ेगा जिनके इंजन दो तरह के ईंधन से चल सके, उनमें एक जैव ईंधन का विकल्प होनी जरूरी होगी।
ऐसा नहीं है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गाड़ियों में फ्लेक्स फ्यूल के विकल्प की बात पहली बार कही है। वे पहले भी खुल कर यह कह चुके हैं कि जल्दी ही वे सड़कों से पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियां हटाना चाह रहे हैं, इंडियन ऑटोमोबाइस सेक्टर से जुड़े लोगों से वे लगातार फ्लेक्स फ्यूल इंजन बनाने के लिए कहते आ रहे हैं।पुणे में एक फ्लाइओवर के उद्घाटन के सिलसिले में आए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, ‘देश में जल्द ही पेट्रोल-डीजल की बजाए अब ट्रांसपोर्टेशन बायो-सीएनजी, इथेनॉल, मीथेनॉल, इलेक्ट्रिक और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे ग्रीन फ्यूल से होेने लगेगा. ग्रीन फ्यूल के इस्तेमाल से ना सिर्फ बढ़ते प्रदूषण से छुटकारा मिलेगा बल्कि जनता को पेट्रोल की बढ़ती महंगाई से भी राहत मिलेगी. इस संबंध में जल्दी ही देश व्यापी कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
तीन-चार महीने में इससे संबंधित नीतियों से जुड़ा आदेश जारी कर दिया जाएगा. इस नीति के तहत ऑटोमोबाइल निर्मातोओं को फ्लेक्स फ्यूल से चलने वाले इंजन बनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। गडकरी ने कहा कि, ‘देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लोगों ने अच्छा रेस्पॉन्स दिया है. देश में बैटरी से चलने वाले ई-स्कूटर, इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर, ई-रिक्शा, ई-कार्ट, ई-बाइक जैसे छोटे इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर अच्छी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. जल्दी ही ग्रीन-हाइड्रोजन से चलने वाली इंटरसिटी बसें भी चलाई जाएंगी। बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन और फ्यूल सेल व्हीकल टेक्नोलॉजी एक दूसरे के पूरक हैं।