निर्देशक विवेक अग्निहोत्री एक बार फिर अपनी फिल्म को लेकर विवादों में हैं। उनकी आगामी फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’, जो कथित रूप से हिंदू नरसंहार के अंधेरे अध्यायों को उजागर करने का दावा करती है, अभी रिलीज़ भी नहीं हुई है और उस पर राजनीतिक और कानूनी विवादों की बौछार शुरू हो चुकी है।
अमेरिका में फिल्म का प्रमोशन कर रहे विवेक अग्निहोत्री ने एक वीडियो बयान में दावा किया कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) उनकी फिल्म को रोकने की कोशिश कर रही है और उन्हें कानूनी झंझटों में फंसाना चाहती है, ताकि वे फिल्म पर फोकस न कर सकें। अग्निहोत्री ने कहा, “यह फिल्म अब तक की सबसे महत्वपूर्ण फिल्म है हिंदू नरसंहार पर, जिसमें इतिहास के ऐसे अध्याय उजागर किए गए हैं जिन्हें कुछ ‘वेस्टेड इंटरेस्ट्स’ ने छिपा रखा था।”
उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत कई शहरों में FIR दर्ज कराई गई है। गौरतलब है कि मुर्शिदाबाद वही इलाका है जहां हाल ही में वक्फ कानूनों में बदलाव को लेकर सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। इन शिकायतों के जवाब में कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। जस्टिस जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने 26 अगस्त तक FIR पर अंतरिम रोक लगा दी है और अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी।
इस फैसले को लेकर अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर कहा, “मैं चुप था क्योंकि हम कानूनी रास्ता अपना रहे थे, और अब हमारे पास अच्छी खबर है। कोर्ट ने इन FIRs पर स्टे दे दिया है।” तृणमूल कांग्रेस को खुली चुनौती देते हुए अग्निहोत्री ने ऐलान किया कि ‘द बंगाल फाइल्स’ का ट्रेलर सबसे पहले बंगाल में ही रिलीज़ होगा। उन्होंने पूछा, “क्या वे मुझसे डरते हैं या सच्चाई से? आखिर वे नहीं चाहते कि मुर्शिदाबाद के इतिहास का ये काला सच सामने आए क्यों?”
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि फिल्म की रिलीज़ से बंगाल में, खासकर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले, सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी या तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
गौरतलब है कि मई 2023 में ममता बनर्जी सरकार ने ‘द केरल स्टोरी’ पर भी प्रदर्शन से रोक लगाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बाद में ग़ैरक़ानूनी बताया था। कोर्ट ने कहा था कि क़ानूनी प्रावधानों का इस्तेमाल जनता की असहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जा सकता।
Important & Urgent:
Multiple FIRs have been filed against me by the West Bengal govt for making #TheBengalFiles.
The Hon’ble High Court has stayed them.
Why do they want to silence us? Why are they so scared of the truth?
I will not be silenced.
Pl Watch & Share.… pic.twitter.com/ksQpMA7476
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) August 5, 2025
‘द बंगाल फाइल्स’ विवाद उस समय सामने आया है जब बंगाल में विधानसभा चुनाव 2026 के लिए माहौल बनने लगा है।
बीजेपी, जो 2016 में महज 6 सीटों पर सिमटी थी, 2021 में 77 सीटें जीतकर बंगाल की प्रमुख विपक्षी ताकत बन गई।
हालांकि, ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस ने अब तक तीन प्रमुख चुनावों में भारी जीत हासिल की है।
मुख्यमंत्री ममता ने हाल ही में कहा था, “अगर हिम्मत है तो कल ही चुनाव करा लो। बंगाल तैयार है… जनता हमारे साथ है।” विवेक अग्निहोत्री की ‘द बंगाल फाइल्स’ को लेकर उठे विवाद ने एक बार फिर फिल्मों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक हस्तक्षेप को बहस के केंद्र में ला खड़ा किया है। जहां एक ओर सरकार इसे शांति भंग का खतरा मान रही है, वहीं निर्देशक इसे सच्चाई का पर्दाफाश बता रहे हैं।
यह भी पढ़ें:
ITBP के जवानों ने बचाई 413 तीर्थयात्रियों की जान!
अमेज़न इंडिया पर व्यापार प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से बिक रहे पाकिस्तानी उत्पाद!



