मुंबई। पिछले साल कोरोना की वजह से पत्रकार पांडुरंग रायकर की मौत होने से मोदी सरकार ने 5 लाख रुपये की मदद की है, टीवी 9 के पत्रकार रायकर पिछले साल कोरोना को कवर कर रहे थे। इसी दौरान वह संक्रमित हो गए और उसकी मौत हो गई। समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण इस बीमारी से उनकी मौत हो गई। लेकिन अब केंद्र सरकार ने उनके परिवारों की मदद की है। ठाकरे सरकार ने उनके परिवार को मदद से वंचित कर दिया था। अंत में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ही उनकी मदद की। पत्रकार पांडुरंग रायकर के परिवार को केंद्र सरकार से 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी है। रायकर का सितंबर में निधन हो गया था। उसके बाद से उनका परिवार ठाकरे सरकार से एक साल से मदद की गुहार लगा रहा था। रा
यकर की पत्नी शीतल ने भी अपने फेसबुक पेज पर सरकार की लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की थी। पिछले साल जंबो कोविड सेंटर में उनकी संदिग्ध मौत की जांच के लिए अनुरोध किया गया था, लेकिन उसकी भी जांच नहीं हो सकी। इस पर रायकर की पत्नी ने भी नाराजगी जताई। कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले पत्रकारों को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के माध्यम से पीड़ितों के परिवारों को 5 लाख रुपये देने का ऐलान किया था। संबंधित समिति की बैठक में देश के 67 पत्रकारों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये स्वीकृत किए गए। महाराष्ट्र में पांडुरंग रायकर परिवार को यह राशि मिली है। इस तरह की जानकारी शीतल रायकर ने दी है। मराठी प्रेस काउंसिल के मुख्य ट्रस्टी एसएम देशमुख ने कहा कि हालांकि केंद्र सरकार ने रायकर परिवार को 5 लाख रुपये प्रदान किए, पर राज्य सरकार बार-बार आश्वासन के बावजूद रायकर परिवार को कोई सहायता नहीं दी। राज्य में कोरोना की वजह से 136 पत्रकारों की जान गई है। इन परिवारों को तुरंत केंद्र सरकार से मदद के लिए आवेदन करना चाहिए। तालुका पत्रकार संघ को इन परिवारों की मदद करनी चाहिए इस तरह की जानकारी एसएम देशमुख ने दी है।