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Sunday, November 24, 2024
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खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदले जाने से आखिर क्यों दुखी है शिवसेना? जानें

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मुंबई। खेल रत्न पुरस्कारों का नाम राजीव गांधी से बदल कर हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के नाम पर करने पर देशभर के खेल प्रेमी और दिग्गज खिलाड़ी मोदी सरकार की तारीफ कर रहे हैं पर अपनी राजनीतिक विचारधारा को तिलांजलि देकर कांग्रेस के साथ सरकार चला रही शिवसेना को यह फैसला रास नहीं आया है। पार्टी ने अपने मुख पत्र में इसकी आलोचना की है। शिवसेना ने कहा है कि इंदिरा गांधी व राजीव गांधी ने आतंकियों के हाथों अपनी जान गंवाई इसलिए उनके योगदान का अपमान नहीं होना चाहिए।

नाम पर रखने पर जताया एतराज: शिवसेना का कहना है कि टोक्यो ओलंपिक के दौरान केंद्र सरकार ने जो राजनीति खेल खेला है, उससे कईयों का मन दुखी हुआ है। पार्टी ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ का नाम हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखने पर एतराज जताया है। संपादकीय में कहा गया है कि शासन बदले की भावना और द्वेष से नहीं चलाया जा सकता। यह भी एक जन भावना है, इस भावना का भी सम्मान किया जाना चाहिए। ध्यानचंद के नाम से पहले से ही लाईफ टाईम अचिवमेंट पुरस्कार दिया जाता है। हालांकि शिवसेना ने ध्यानचंद की तारीफ करते हुए कहा है कि उनके खेल से प्रभावित होकर जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने उन्हें जर्मनी में बसने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन ध्यानचंद ने इससे इंकार कर दिया। देशवासी ध्यानचंद को कभी नहीं भूल सकते।

राष्ट्रीय खेल दिवस’: पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल कर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया, इसका मतलब यह नहीं की पहले की सरकारों ने ध्यानचंद को भूला दिया था। 1956 में ध्यानचंद को पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके जन्मदिन को ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। पर राजीव गांधी का नाम हटाना द्वेष की राजनीति है।

राजनीतिक विचारों से मतभेद पर..: पार्टी ने कहा है कि ओलंपिक पदक का जश्न मना रही मोदी सरकार ने ओलंपिक के बजट में 300 करोड़ की कटौती की थी। मुखपत्र के माध्यम से शिवसेना ने कहा है कि इंदिरा गांधी व राजीव गांधी को आतंकी हमले में जान गवानी पड़ी। उनके राजनीतिक विचारों से मतभेद हो सकता है लेकिन उनके योगदान का उपहास नहीं उड़ाया जा सकता। राजीव गांधी के योगदान का अपमान किए बगैर मेजर ध्यानचंद का सम्मान किया जा सकता था।

देश कर रहा तारीफ पर शिवसेना को नहीं सुहा रहे ध्यानचंद: राम कदम

खेल रत्न पुरस्कारों का नाम ध्यानचंद के नाम पर किए जाने की शिवसेना द्वारा आलोचना किए जाने पर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता-विधायक राम कदम ने शिवसेना को आड़े हाथों लिया है। कदम ने कहा कि देश के सभी खिलाड़ी और आम जनता मोदी सरकार के इस फैसले की सराहना कर रही है पर शिवसेना को यह बात रास नहीं आ रही है। भाजपा विधायक ने कहा कि दो वर्ष पहले तक इसी पार्टी के नेता जिनकी आलोचना करते नहीं थकते, आज उनकी तारीफ करने में व्यस्त हैं। इनकी भाषा क्यों बदली है सबको पता है।

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