मुंबई। महाराष्ट्र में आघाडी सरकार की लापरवाही के कारण राज्य में महिलाएं असुरक्षित हो गई है। महिलाओं से जुड़ी शिकायतों को हल करने के लिए स्थापित किये गए महिला आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों को नियुक्त करने के लिए सरकार को समय नहीं है, ऐसी टिप्पणी भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनीथा श्रीनिवासन ने मंगलवार को की। इस दौरान महाराष्ट्र महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष उमा खापरे ने कहा कि संजय राठोड को यदि फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया तो महिला मोर्चा की कार्यकर्ता मुख्यमंत्री का घेराव करेंगे। भाजपा प्रदेश महिला मोर्चा की कार्यकारिणी बैठक वनीथा श्रीनिवासन की उपस्थिति में संपन्न हुई। इस बैठक में पारित हुए प्रस्तावों की जानकारी देने के लिए आयोजित पत्रकार परिषद में श्रीमती श्रीनिवासन बोल रही थी। इस दौरान महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मेधा कुलकर्णी, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष उमा खापरे, भाजपा प्रदेश महामंत्री विधायक देवयानी फरांदे, मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये उपस्थित थे। श्रीनिवासन ने कहा कि, महाराष्ट्र में कोरोना के समय पृथक्करण केंद्रों में बड़े स्तर पर महिलाओं पर अत्याचार हुए हैं। लेकिन राज्य सरकार ने इन अत्याचारों पर कोई ध्यान नहीं दिया।
आघाडी सरकार ने अभी तक राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति नही की है। जिससे यह साफ दिखाई देता है कि महिला सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार कितनी गंभीर है। उन्होंने मांग की है कि महिला आयोग में सरकार तत्काल नियुक्तियां करे। साथ ही उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के समय देश भर में भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेनेवाली महिलाओं पर पुस्तक बनाई जाएगी ऐसी जानकारी दी, उमा खापरे ने कहा कि राज्य में एक तरफ महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है फिर भी युवती के आत्महत्या प्रकरण में इस्तीफा देनेवाले संजय राठोड को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा है। राठोड को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया तो भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा आक्रामक भूमिका अपनाएगी। इस दौरान महिलाओं को मंत्रिमंडल में रिकॉर्ड संख्या में प्रतिनिधित्व देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभिनदंन करने का प्रस्ताव कार्यकारिणी की बैठक में पारित किया गया। इसके साथ ही महिला सुरक्षा पर ध्यान न देनेवाली आघाडी सरकार के निषेध का प्रस्ताव भी बैठक में पारित किया गया।