अब मैं विधानसभा के लिए पूरी ताकत से जाना चाहता हूं, मैं नेतृत्व से अनुरोध करूंगा कि मुझे सरकार से मुक्त किया जाए, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा। भाजपा कार्यकर्ताओं ने बहुत अच्छा काम किया है| मुंबई के अध्यक्ष ने खुद देखा| हार की सारी जिम्मेदारी मेरी है| देवेन्द्र फडणवीस सारी जिम्मेदारी स्वीकार कर रहे हैं। अब मैं असेंबली के लिए बाहर जाना चाहता हूं।’ मैं प्रार्थना करने जा रहा हूं कि आप मुझे सरकार से मुक्त कर दें| अगर मैं बाहर भी रहेंगे तो भी काम करेंगे|
लोकसभा चुनाव में भाजपा को महाराष्ट्र में करारा झटका लगा है| महाविकास अघाड़ी ने कड़ा संघर्ष कर सफलता हासिल की| एनडीए को 19 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा| 2019 के चुनाव में 22 सीटें जीतने वाली भाजपा सिर्फ 9 सीटें जीतने में कामयाब रही| लोकसभा चुनाव के बाद देवेन्द्र फडणवीस ने स्वीकार किया कि उन्हें राज्य में अपेक्षित सफलता नहीं मिली| इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने महाराष्ट्र में भाजपा की हार के कारण भी बताए|
क्या बोले देवेन्द्र फडणवीस?: महाराष्ट्र में हमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली| दरअसल हमें हमारी उम्मीद से बहुत कम सीटें मिलीं| महाराष्ट्र में हमारी लड़ाई सिर्फ महाविकास अघाड़ी से नहीं, बल्कि नैरेटिव से भी थी| एक नैरेटिव बनाया गया कि संविधान बदल दिया जाएगा| हम इस आख्यान को रोक नहीं सके| देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि हम इसका जवाब नहीं दे सके, इसका असर हम पर हुआ|
राज्य में भाजपा को खारिज नहीं किया गया-फडणवीस: जनता ने जो जनादेश दिया है, उसे लेते हुए हमने आगे की तैयारी करने का फैसला किया है| देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि जिन लोगों को ज्यादा सीटें मिलीं उन्हें मैं बधाई देता हूं| ऐसी कोई स्थिति नहीं है कि प्रदेश में जनता ने भाजपा को नकार दिया हो। आज हमने बैठकर चुनाव की समीक्षा की है। कुछ जगहों पर एंटी इनक्यूबस देखा गया| कुछ जगहों पर प्याज का सवाल था| सोयाबीन और कपास का भी मुद्दा था. देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि आरक्षण देने के बाद सरकार ने एक नैरेटिव बनाया, जिसका हम जवाब नहीं दे सके|
देश में एनडीए की सफलता पर क्या कहा?: देशभर में भाजपा और एनडीए कार्यकर्ताओं को धन्यवाद। लोगों ने पंडित नेहरू के बाद मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया | देश में एनडीए की सरकार आती है| 1962 के बाद यह पहली बार है कि सरकार तीसरी बार सत्ता में आई है। उड़ीसा में की पहली सरकार है| आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू के नेतृत्व को तरजीह दी गई, अरुणाचल प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार आ गई| लोकसभा के साथ-साथ एनडीए और भाजपा को भारी वोट मिला|
जितनी अखिल भारतीय आघाडी बनी, उतनी ही सीटें अखिल भारतीय आघाडी को मिलीं| भाजपा को देश से ज्यादा सीटें मिली हैं| सभी ने मिलकर एक कहानी बनाने की कोशिश की. लेकिन उनसे बड़ी रही, एनडीए के घटक दलों ने सरकार बना ली|
यह भी पढ़ें-