24 C
Mumbai
Monday, November 25, 2024
होमक्राईमनामाकुख्यात डॉन अरुण गवली ​आएगा जेल से बाहर​, लोकसभा के लिए वोट...

कुख्यात डॉन अरुण गवली ​आएगा जेल से बाहर​, लोकसभा के लिए वोट करेगा?

Google News Follow

Related

​​नागपुर बेंच ने कुख्यात गैंगस्टर अरुण गवली को जल्द रिहा करने का आदेश दिया है​|​ जेल प्रशासन को भी जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया गया है​|​ कुख्यात डॉन अरुण गवली ने 2006 के एक सरकारी आदेश के जरिए सजा से छूट की मांग की थी।अरुण गवली ने उस याचिका पर नागपुर पीठ में सुनवाई पूरी कर ली थी​, लेकिन कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया​|​

​​कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए अरुण गवली को समय से पहले रिहा करने का निर्देश दिया है​|​ हालांकि जेल प्रशासन को इस संबंध में जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय भी दिया गया है​|​अरुण गवली को मुंबई पार्षद कमलाकर जामसंदेकर हत्या मामले में दो आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

​क्या है कमलाकर जामसंदेकर हत्याकांड?: कमलाकर जामसंदेकर की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अरुण गवली को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी​|​ 2 मार्च 2007 की शाम को मुंबई के घाटकोपर में शिवसेना नगरसेवक कमलाकर जामसंदेकर दिन का काम खत्म करने के बाद अपने घर में टीवी देख रहे थे। वह असल्फा गांव के रूमानी मंजिल चाली में रह रहा था​|​ कमलाकर जामसंदेकर ने अखिल भारतीय सेना के उम्मीदवार अजीत राणे को 367 वोटों से हराया था।

​​कमलाकर जामसंदेकर की पत्नी कोमल इस काम के लिए बाहर गई थीं​|​ जामसांडेकर की भतीजी मनाली हिरे किचन में काम कर रही थीं. इसी बीच घर के बाहर दो मोटरसाइकिल आकर रुकीं। उसमें से चार लोग उतरे​|​ उनमें से एक जामसंदेकर के घर आया और उनके घर में घुस गया​|​ उन्होंने अपनी बंदूक से जमसंदेकर पर पिस्तौल तान दी​|​ ये फायरिंग बेहद करीब यानी प्वाइंट ब्लैंक रेंज से की गई​|​

​​2006 का सरकारी निर्णय क्या है?: 65 वर्ष की आयु पूरी करने वाले विकलांग, आधी सजा पाने वाले कैदी को सजा से छूट दी जाती है। इसके मुताबिक अरुण गवली ने सजा से जल्द रिहाई की मांग की थी​|​ इसके बाद कोर्ट ने इस संबंध में निर्देश दिये हैं​|​

​​अरुण गवली की रिहाई के निर्देश: चौदह साल की आजीवन कारावास की सजा काटने के बाद, 65 वर्ष से अधिक उम्र के कैदियों को जेल से रिहा किया जा सकता है। अरुण गवली का जन्म 1955 में हुआ था​|​ वह अब 69 साल के हैं। अरुण गवली जामसंदेकर हत्या मामले में 2007 से जेल में हैं, इसलिए वह 16 साल से जेल में हैं। यह स्पष्ट है कि अरुण गवली 2006 के परिपत्र के अनुसार रिहाई के लिए दो शर्तों को पूरा करते हैं।​ ​इसलिए बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने अरुण गवली की रिहाई का निर्देश दिया है​|​

यह भी पढ़ें-

लोकसभा चुनाव 2024: प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष को दिखाया आईना!

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,293फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
196,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें