क्या ‘अग्निवीर’ योजना बदल जाएगी ?, एनडीए सरकार तुरंत लेगी फैसला!

क्या ‘अग्निवीर’ योजना बदल जाएगी ?, एनडीए सरकार तुरंत लेगी फैसला!

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‘इस बार हम 400 पार’ का नारा देने वाली भाजपा जहां 300 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई, वहीं अब मतदाताओं की नाराजगी के कारण तलाशे जा रहे हैं| हालांकि एनडीए सरकार कम सीटों के साथ सत्ता में आई है, लेकिन उसने पिछली नीतियों की समीक्षा शुरू कर दी है। जिन इलाकों में बड़ी संख्या में युवा सेना में भर्ती होते हैं, वहां भी भाजपा को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा है|

तो क्या बंद हो जाएगी अग्निपथ योजना?: इस पर भी चर्चा हुई है| एनडीए सरकार ने अग्निवीर योजना की समीक्षा करने और सशस्त्र दल भारती योजना को और अधिक आकर्षक बनाने के तरीके सुझाने के लिए 10 प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों के एक समूह को नियुक्त किया है। केंद्र सरकार चाहती है कि अग्निपथ योजना की हर कमी को जल्द से जल्द दूर किया जाए|

सचिवों का समूह प्रधानमंत्री को प्रस्तुत करेगा: मामले से परिचित अधिकारियों ने द इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री के इटली से लौटने के बाद सचिवों का पैनल अंतिम प्रस्तुति देगा। जी-7 शिखर सम्मेलन 13 से 15 जून तक आयोजित किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि सचिवों का समूह वेतन और अन्य लाभों सहित अग्निवीर योजना में बदलाव का सुझाव दे सकता है। नई सरकार के संशोधित 100-दिवसीय एजेंडे में अग्निवीर के भर्ती कार्यक्रम की समीक्षा भी शामिल है।

सेना अग्निपथ योजना की भी समीक्षा करेगी: चर्चा से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, सचिवों का एक समूह 16 जून से पहले विवरण तैयार करेगा और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को एक विस्तृत प्रस्तुति देगा। उन्होंने कहा कि प्रेजेंटेशन 17 या 18 जून को होने की संभावना है| राज्यों सहित अन्य हितधारकों की सिफारिशों और फीडबैक की समीक्षा के बाद पीएमओ योजना में बदलाव पर अंतिम निर्णय लेगा।

उधर, सेना भी अपने स्तर से अग्निपथ योजना की समीक्षा कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सेना अपना आंतरिक मूल्यांकन भी कर रही है| भारतीय सशस्त्र बलों में अल्पकालिक भर्ती के लिए सरकार द्वारा जून 2022 में अग्निपथ योजना शुरू की गई थी।

योजना की तीखी आलोचना: रक्षा पेंशन विधेयक के बढ़ते बोझ के बीच सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती को प्रोत्साहित करने के लिए अग्निपथ लॉन्च किया गया था। चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष ने इस योजना के खिलाफ माहौल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी| विपक्ष का यह एजेंडा खासतौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में लागू किया गया| मतदाता इस बात से नाराज़ हैं कि अग्निपथकों को नौकरी की सुरक्षा की गारंटी नहीं है। विपक्ष की ओर से महंगाई का मुद्दा जगजाहिर था|

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