आंध्र प्रदेश में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव के नतीजे भी घोषित कर दिए गए| तेलुगु देशम पार्टी-भाजपा-जनसेना गठबंधन ने विधानसभा में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है| तेलुगु देशम पार्टी ने 16 सीटें जीतीं जबकि भाजपा ने 3 सीटें जीतीं। इसके अलावा जन सेना पार्टी ने 2 सीटें जीतीं| इसी नतीजे के चलते पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू करीब 10 साल राजनीतिक वनवास बिताने के बाद रुबाबा लौट आए हैं|
आंध्र प्रदेश की कुल 25 लोकसभा सीटों में से वाईएसआर कांग्रेस ने 2019 में राज्य में 22 सीटें जीतीं। तेलुगु देशम पार्टी को सिर्फ 3 सीटों से संतोष करना पड़ा. कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी. इस बार भाजपा और चंद्रबाबू नायडू ने एक दूसरे से गठबंधन कर मोर्चा बनाया| इसका फायदा उन्हें लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा में भी मिला| जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है| भाजपाने आदिलाबाद, करीम नगर और मल्काजगिरी सीटों पर जीत हासिल की|
मुख्यमंत्री की शपथ: आंध्र प्रदेश विधानसभा की 175 सीटों में से ‘टीडीपी’ ने 134 सीटों पर जीत हासिल की। जन सेना पार्टी ने 21 सीटें और बीजेपी ने 8 सीटें जीतीं| वाईएसआर कांग्रेस को सिर्फ 12 सीटों से संतोष करना पड़ा है| पार्टी ने घोषणा की है कि चंद्रबाबू नायडू 9 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे|
जगन रेड्डी का इस्तीफा: विधानसभा चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस की हार के बाद मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने राज्यपाल एस अब्दुल नजीर को अपना इस्तीफा सौंप दिया|
कांग्रेस का पतन जारी: दिलचस्प बात यह है कि कभी राज्य में एकछत्र राज करने वाली कांग्रेस को लोकसभा या विधानसभा में एक भी सीट नहीं मिली। कांग्रेस ने जगनमोहन रेड्डी की बहन और दिवंगत वाईएस राजशेखर रेड्डी की बेटी शर्मिला रेड्डी को हथियार देकर किले पर कब्ज़ा करने की कोशिश की, लेकिन असफल रही। कांग्रेस को उम्मीद थी कि पिछले साल के अंत में तेलंगाना विधानसभा में उसकी सफलता आंध्र प्रदेश तक फैलेगी। लेकिन बात नहीं बनी|
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