बिहार में चुनाव से ज्यादा लोग सीएम नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित!

बिहार में चुनाव से ज्यादा लोग सीएम नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित!

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रोड शो में उनकी गाड़ी पर दिखे। इसके 24 घंटे बाद ही पांच दशकों पुराने उनके साथी सुशील मोदी के निधन की खबर सामने आयी और उसके अगले दिन सरकार की ओर से बताया गया कि मुख्यमंत्री बीमार हैं, इसलिए उनकी सारी सार्वजनिक गतिविधियां स्थगित की जा रही हैं।​ उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के सामने मंच पर उनकी शान में कसीदे गढ़े तो भी अंदाज पर सवाल उठा। ​कुछ तो गड़बड़ है, सवाल हर तरफ उठ रहा​|​ ​

मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से नीतीश कुमार की बीमारी को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। हालत यह है कि मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी इस सवाल को सीधे टाल जा रहे हैं कि वह किस तरह से बीमार हैं। आम जनता यह जानना चाह रही है कि नीतीश कुमार की बीमारी का वास्ता उनकी मानसिक स्थिति से तो नहीं है और अगर ऐसा है भी तो उनका इलाज सही तरीके से हो रहा है या नहीं।

​गौरतलब है कि “ऊर्जा से ओतप्रोत, सजग, हंसमुख और मिलनसार नीतीश कुमार थके-हारे, निराश-हताश, परेशान और बीमार लग रहे हैं। सवाल उठना लाजिमी है कि उनकी ऐसी स्थिति इतनी जल्दी कैसे बदलगी? क्या वह बीमार हैं? परेशानी राजनीतिक है या शारीरिक-मानसिक, लोग जानना चाहते हैं। इसलिए, हेल्थ बुलेटिन की मांग कहीं से भी गलत नहीं है।”​

​मुख्यमंत्री​ नीतीश कुमार की “तबीयत खराब है।” सवाल वहीं रह गया कि हुआ क्या है कि आखिर अपने इतने करीबी मित्र की अंत्येष्टि और अपनी पत्नी की पुण्यतिथि पर नहीं जाने का मतलब कुछ तो ज्यादा परेशानी है, क्योंकि सामान्य बुखार में तो वह पहले ऐसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को दरकिनार नहीं करते थे। सिर्फ कोरोना के समय ही उन्होंने ‘दूरी, जरूरी’ का फॉर्मूला स्वीकार किया था।

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