मनी लॉन्ड्रिंग का मामले में सहारनपुर में बहुजन समाज पार्टी के पूर्व एमएलसी हाजी मोहम्मद इक़बाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की ओर से बड़ी कार्रवाई की गयी है| इस कार्रवाई में ईडी ने बसपा के पूर्व एमएलसी हाजी की 4,440 करोड़ रूपये की संपत्ति को कुर्क किया है, जिसमें हाजी की ग्लोकल यूनिवर्सिटी की इमारत और उसकी भुमि शामिल है| ईडी की इस कार्रवाई से राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मचा हुआ है|
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कुर्की आदेश जारी किया था। इसमें 121 एकड़ जमीन और ग्लोकल यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग को भी शामिल किया गया है। ईडी अधिकारी के अनुसार ये संपत्तियां अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम दर्ज हैं, इन पर हाजी मो. इकबाल और उसके परिवार के सदस्यों का नियंत्रण था।
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से 10 वर्ष पूर्व बीएसपी के पूर्व एमएलसी के खिलाफ सीबीआई की खनन घोटाले की एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। ये मुकदमा सहारनपुर में खनन के पट्टों में हुई धांधली से जुड़ा था। वहीं इकबाल के बेटों और भाई के खिलाफ भी कई मामले दर्ज हैं, जो इस वक्त जेल में बंद हैं।
इकबाल, ट्रस्ट और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ की गई ये कार्रवाई अवैध खनन मामले से जुड़ी है। ईडी के अनुसार, पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल बीते कई महीनों से फरार है। माना ये जा रहा है कि वो दुबई में है। उसके खिलाफ देश भर की करीब एक दर्जन से ज्यादा एजेंसियां जांच कर रही हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सहारनपुर में रेत खनन, पट्टों के अवैध नवीनीकरण, कुछ अधिकारियों और अज्ञात लोगों के खिलाफ दिल्ली में दर्ज सीबीआई की एफआईआर से जुड़ा है। सभी खनन फर्मों का स्वामित्व और संचालन मोहम्मद इकबाल ग्रुप के पास था। ये फर्म सहारनपुर और आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन में शामिल थी।
ईडी अनुसार आईटीआर में मामूली आय दिखाए जाने के बावजूद खनन फर्मों और मोहम्मद इकबाल ग्रुप की कंपनियों के बीच बिना किसी व्यापारिक संबंध के करोड़ों के लेनदेन मिले हैं।
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