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महाराष्ट्र में जन्म पंजीकरण घोटाला: 1,500 की आबादी वाले गांव में तीन महीनों में 27,397 जन्म प्रमाण पत्र दर्ज!

किरिट सोमैया ने 17 दिसंबर (बुधवार) को गांव का दौरा कर जांच की मांग की।

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महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में जन्म पंजीकरण से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है। जिले के अरनी तालुका स्थित शेंदुरसानी ग्राम पंचायत में केवल तीन महीने सितंबर से नवंबर के भीतर सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) में 27,397 जन्म दर्ज किए गए, जबकि गांव की कुल आबादी लगभग 1,500 बताई जाती है। यह विसंगति राज्य सरकार के निर्देश पर चलाए गए सत्यापन अभियान के दौरान उजागर हुई है।

मामला 24 नवंबर को सामने आने के बाद, जिला स्वास्थ्य अधिकारी (DHO) की शिकायत पर 16 दिसंबर (मंगलवार) को यवतमाल सिटी पुलिस स्टेशन में IPC की धाराओं 318(4), 337, 336(3), 304(2) और आईटी एक्ट की धाराओं 65 व 66 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस निरीक्षक नंदकिशोर काले ने कहा, “शेंदुरसानी में जन्म पंजीकरण प्रविष्टियों में अनियमितताओं की शिकायत मिली है और जांच शुरू कर दी गई है।”

इस प्रकरण पर पूर्व भाजपा सांसद किरिट सोमैया ने 17 दिसंबर (बुधवार) को गांव का दौरा कर जांच की मांग की। मीडिया से बातचीत में उन्होंने आशंका जताई कि ग्राम पंचायत के कंप्यूटर ऑपरेटर की लॉगिन साख (क्रेडेंशियल्स) का किसी ने दुरुपयोग किया हो सकता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए सोमैया ने संदेह जताया कि हजारों बांग्लादेशी इस कथित गड़बड़ी के लाभार्थी हो सकते हैं और उन्होंने मामले की एसआईटी जांच की मांग की।

सोमैया के अनुसार, रिकॉर्ड में दर्ज अधिकांश नाम पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों से संबंधित पाए गए हैं। उन्होंने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात की है और इन सभी जन्म पंजीकरण प्रविष्टियों को रद्द करने की मांग की है।” जांच में यह भी सामने आया कि शेंदुरसानी ग्राम पंचायत का CRS ID (MH18241RE) मुंबई से मैप्ड पाया गया, जो साइबर फ्रॉड की ओर इशारा करता है।

राज्य सरकार के निर्देश पर 16 दिसंबर से ग्राम पंचायत में अवैध और विलंबित जन्म-मृत्यु पंजीकरण की पहचान और निरस्तीकरण के लिए सत्यापन अभियान शुरू किया गया था। इस दौरान अरनी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने CRS सॉफ्टवेयर में सितंबर से नवंबर 2025 के बीच 27,397 जन्म और सात मृत्यु प्रविष्टियां दर्ज पाईं, जो गांव की वास्तविक जनसंख्या के अनुपात में असामान्य थीं।

इसके बाद DHO ने यह जानकारी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मंदर पाटकी को दी। CEO ने पंचायत विभाग के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की। समिति की ऑन-साइट जांच में पाया गया कि ये 27,397 जन्म और सात मृत्यु रिकॉर्ड ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते और अत्यंत संदिग्ध हैं।

तकनीकी जांच पुणे के उप स्वास्थ्य सेवा निदेशक द्वारा शुरू की गई। राज्य लॉगिन सिस्टम से हुई जांच में CRS ID के मुंबई से मैप होने का खुलासा हुआ। इसके बाद मामला भारत के अतिरिक्त रजिस्ट्रार जनरल, नई दिल्ली और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) को भेजा गया। उनके आकलन में इसे साइबर धोखाधड़ी का मामला बताया गया, जिसकी सूचना 11 दिसंबर को पुणे से जिला परिषद को दी गई। फिलहाल, जांच जारी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही जा रही है।

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