केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज भंडारा-गोंदिया में महागठबंधन के उम्मीदवार सुनील मेंढे के लिए प्रचार करने के लिए भंडारा के साकोली में बैठक की। इस बैठक में उन्होंने भाजपा के घोषणापत्र के वादे तो बताए, लेकिन कांग्रेस की आलोचना भी की|अमित शाह ने कहा, ‘आज’ डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती है|अंबेडकर ने संविधान बनाकर देश को एकजुट रखने का काम किया। वह अम्बेडकर ही थे जिन्होंने इस देश को दुनिया का सबसे अच्छा संविधान दिया।
कांग्रेस पार्टी आज घर-घर जाकर डाॅ. बाबा साहबअंबेडकर के नाम पर वोट मांग रहे हैं। लेकिन यह कांग्रेस ही थी जिसने अम्बेडकर को चुनाव में हरा दिया।आगे अमित शाह ने आरक्षण का जिक्र करते हुए कांग्रेस की आलोचना की|
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, पांच दशकों तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ने कभी डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया। कांग्रेस ने सदैव अम्बेडकर का अपमान करने का प्रयास किया। भाजपा ने डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर से जुड़े पांच स्थानों को सम्मान देने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने झूठ बोलकर उनकी विचारधारा को कमजोर कर दिया| अगर भाजपा को 400 से ज्यादा सीटें मिलेंगी तो कांग्रेस आरक्षण खत्म कर देगी|
मैं राहुल गांधी को बताना चाहूंगा कि हमारे पास दो कार्यकाल वाली पूर्ण बहुमत की सरकार है। लेकिन हमारे बहुमत का इस्तेमाल आरक्षण हटाने के लिए नहीं किया गया| हमने अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए निश्चित रूप से बहुमत का इस्तेमाल किया।’ तीन तलाक की प्रथा को खत्म करने के लिए अपने बहुमत का इस्तेमाल किया। राहुल गांधी को प्रोपेगेंडा फैलाना बंद करना चाहिए. मैं आज घोषणा करता हूं कि जब तक भाजपा रहेगी,तब तक आरक्षण को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा और न ही किसी को आगे बढ़ाया जाएगा”, अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया|
हमने शिवसेना-राष्ट्रवादियों को विभाजित नहीं किया है: महाराष्ट्र में एक नकली शिव सेना और एक नकली राकांपा है और शेष कांग्रेस पार्टी का आधा हिस्सा है, अमित शाह ने कुछ दिन पहले आलोचना की थी। इस आलोचना पर उभाटा गुट और शरद पवार ने जोरदार पलटवार किया|अमित शाह ने आज भंडारा में एक बार फिर वही आलोचना दोहराई| उद्धव ठाकरे और शरद पवार कहते हैं कि भाजपा ने उनकी पार्टी तोड़ दी|
लेकिन आज मैं महाराष्ट्र को दोहराना चाहता हूं कि हमने उनकी पार्टियां नहीं तोड़ी हैं|उद्धव ठाकरे के पुत्रमोह के कारण शिवसेना पार्टी टूटी, शरद पवार के पुत्रप्रेम की कमी के कारण एनसीपी पार्टी टूटी। साथ ही दूसरी तरफ विदर्भ का एक नेता कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बन गया|उसके बाद, शिवसेना और एनसीपी ने पूरी कांग्रेस को आधा करने का काम किया,अमित शाह की आलोचना की।
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