हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है। अब यह बात सामने आई है कि राज्य सरकार फ्लोर टेस्ट पास करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुला सकती है| पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दावा किया है कि हरियाणा विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा| जेजेपी को यह मुद्दा नहीं उठाना चाहिए था| उन्होंने कहा, लेकिन अब जब उन्होंने यह मुद्दा उठाया है तो वह मुश्किल में हैं, जेजेपी के 6 विधायक हमारे संपर्क में हैं। खट्टर ने दावा किया कि कांग्रेस भी एकजुट नहीं है और 30 में से 4-5 विधायक खो सकती है| राज्यपाल ने 30 कांग्रेस विधायकों के हस्ताक्षर मांगे हैं|
दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल को लिखा था पत्र: हाल ही में हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट की मांग की थी| उन्होंने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट की मांग की है| इस पत्र में लिखा था कि वे राज्य में सरकार बनाने वाली किसी भी पार्टी को समर्थन देने के लिए तैयार हैं| यह भी कहा गया है कि हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए|
भाजपा के पास अब केवल 40 विधायक हैं?: हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान ने हाल ही में दावा किया था कि हरियाणा के तीन निर्दलीय विधायकों, सोमवीर सांगवान, रणधीर सिंह गोलन और धर्मपाल गोंदर ने भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को समर्थन दिया है। मैं यह भी बताना चाहूंगा कि वर्तमान में 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में 88 विधायक हैं, जिनमें से 40 भाजपा के सदस्य हैं।
कांग्रेस का कहना है कि पहले भाजपा सरकार को जेजेपी विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जेजेपी ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया और अब तीन निर्दलीय विधायकों ने भी अपना समर्थन वापस ले लिया है|
क्या भाजपा सरकार बड़े संकट में है?: अब सवाल यह है कि क्या हरियाणा सरकार तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से बड़े संकट में है या सरकार अल्पमत में है? तो उत्तर नहीं है। इसकी वजह यह है कि भाजपा के पास अभी भी 45 विधायकों का समर्थन है, जिसमें से 40 विधायक उनकी अपनी पार्टी के हैं और पांच निर्दलीय हैं|
दूसरा सवाल यह है कि क्या तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद कांग्रेस के पास सरकार बनाने का मौका है।फिलहाल जवाब नहीं है| क्योंकि कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं, जब तीन और जोड़े गए तो संख्या बढ़कर 33 हो गई। वहीं, जेजेपी के 10 विधायक फिलहाल कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे| और जाएं भी तो ये संख्या 43 ही रह जाती है|
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