पूरे देश की निगाहें इस आदेश पर टिकी हैं, क्योंकि इससे न केवल स्थानीय लोगों का भविष्य तय होगा, बल्कि रेलवे भूमि प्रबंधन और अतिक्रमण मामलों पर भी एक बड़ा मिसाल स्थापित हो सकता है।
फैसले से पहले नैनीताल जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं। किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए आरपीएफ, रेलवे पुलिस, पीएसी, पैरामिलिट्री फोर्स और उत्तराखंड पुलिस को भारी संख्या में तैनात किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, बल को एलएमजी सहित आधुनिक हथियारों से लैस किया गया है ताकि कानून-व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में रहे।
सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक पूरे बनभूलपुरा क्षेत्र में कड़ी पाबंदियां लागू की गई हैं। इस दौरान लोगों की आवाजाही को सख्ती से मॉनिटर किया जा रहा है। पुलिस एरिया डोमिनेशन बढ़ाने के लिए लगातार फ्लैग मार्च कर रही है।
सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा मजबूत करने का निर्देश दिया गया है। संवेदनशील जगहों पर सघन चेकिंग, बैरिकेडिंग, पेट्रोलिंग और फ्लैग मार्च बढ़ाने को कहा गया। इसके साथ ही बीडीएस टीमों ने पूरे क्षेत्र में बम जांच और एंटी-सबोटाज ऑपरेशन भी शुरू कर दिए हैं, ताकि किसी तरह की अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।
सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए सीसीटीवी निगरानी का दायरा भी काफी बढ़ा दिया गया है। बनभूलपुरा के गफूर बस्ती, लाइन नंबर 17 और आसपास की गलियों में लगभग 45 कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी लाइव मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से की जा रही है।
टी20 लीग शुरू होने से हमारे क्रिकेट का स्तर और बेहतर होगा: टॉम लैथम!



