न्यूयॉर्क की एक अदालत ने 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कथित रिश्वतखोरी के मामले में उद्योगपति गौतम अडानी और अन्य के खिलाफ तीन लंबित मामलों को एक साथ लाने का आदेश दिया है।अब इन सभी मामलों की एक साथ सुनवाई होगी, कोर्ट ने फैसला सुनाया| कोर्ट ने साफ किया है कि ये फैसला इसलिए दिया गया है क्योंकि तीनों मामलों में एक जैसे आरोप हैं|
क्या है असली मामला?: पिछले महीने, अमेरिकी न्याय विभाग ने उद्योगपति गौतम अडानी और उनके सात अधिकारियों के खिलाफ रिश्वत मामले में आरोप दायर किया था। प्रमुख आरोप यह हैं कि उन्होंने ऊर्जा अनुबंधों के बदले भारतीय अधिकारियों को हजारों करोड़ रुपये की रिश्वत देने की योजना बनाई, अमेरिकी कंपनियों से वित्तपोषण हासिल किया और निवेशकों (अमेरिका में) को अंधेरे में रखा।अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ने भी वहां अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग की जांच शुरू कर दी है|
इसके बाद, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने एक अंग्रेजी समाचार वेबसाइट ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि अडानी ने ऊर्जा क्षेत्र में अनुबंध हासिल करने के लिए 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वत दी थी। अब प्रशांत भूषण के ‘एक्स’ के इसी पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें स्वामी ने कहा, ”मोदी ने हर नियम तोड़कर अडानी को बड़ा बना दिया है| ”
प्रशांत भूषण के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ”मोदी ने अडानी को अलग रास्ते पर ले जाने के बाद अब बचाने के लिए उन्हें हटा दिया है।अडानी एक उपद्रवी हैं, लेकिन यह मोदी ही थे जिन्होंने हर नियम को तोड़ा और उन्हें इतना बड़ा बना दिया। इतना ही नहीं, मोदी उनके लिए एक दिन के लिए ग्रीस भी गए।’
कौन हैं सुब्रमण्यम स्वामी?: भारतीय जनता पार्टी से सांसद और केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी हमेशा अपने रुख और विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। इसके साथ ही पिछले कुछ सालों में स्वामी ने लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है| इतना ही नहीं पिछले साल पंढरपुर आकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना रावण से कर दी थी| उन्होंने अकेले मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी बहुत अहंकारी हैं|
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