इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाईक के खिलाफ पुख्ता सबूत पर कार्रवाई की जायेगी – पीएम इब्राहिम

केंद्र सरकार ने जाकिर नाईक की संस्था आईआरएफ पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं| आईआरएफ द्वारा ऐसी कार्रवाइयां की जाती हैं जो भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती हैं।

इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाईक के खिलाफ पुख्ता सबूत पर कार्रवाई की जायेगी – पीएम इब्राहिम

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मलेशिया के ​पीएम​ अनवर इब्राहिम भारत दौरे पर हैं​|​उन्होंने भारत के ​पीएम​ नरेंद्र मोदी से मुलाकात की​|​ मोदी से मुलाकात के बाद उन्होंने भारतीय विश्व मामलों की परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर उनसे विवादित कथित इस्लामिक धर्मगुरु और कई आतंकी गतिविधियों में शामिल आरोपी जाकिर ना​ई​क के प्रत्यर्पण के बारे में पूछा गया​| इब्राहिम अनवर ने इस पर मलेशिया की स्पष्ट स्थिति प्रस्तुत की|अनवर ने कहा, ”अगर हमें जाकिर नाईक के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलेंगे तो उचित कार्रवाई की जाएगी|हालांकि, हमारा मानना है कि इस संबंध में किसी भी कार्रवाई का दोनों देशों के संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।”

इब्राहिम अनवर ने कहा, ”भारत ने पहले कभी यह मुद्दा नहीं उठाया था| हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह मुद्दा उठाया था, लेकिन मैं यहां सिर्फ एक व्यक्ति की बात नहीं कर रहा हूं|मैं आतंकवाद के मुद्दे पर बात कर रहा हूं| जाकिर नाईक मामले में भारत जो भी सबूत पेश करेगा, हमारी सरकार उसका स्वागत करेगी| हम उस सबूत पर विचार करेंगे| हम आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।” जाकिर नाईक 2017 में भारत से फरार हो गया था| बाद में वह मलेशिया चला गया। उस समय मलेशिया की पंतप्रधान महातिर मोहम्मद सरकार ने उन्हें सरकारी संरक्षण दिया था|

जाकिर नाईक कौन है? क्या है उन पर आरोप?: 58 साल के जाकिर नाईक का जन्म मुंबई में हुआ था। उन्होंने मेडिकल में उच्च शिक्षा हासिल की है| उन्होंने 20 साल की उम्र से ही धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था| उन्होंने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) नामक एक संगठन की भी स्थापना की। लेकिन यूएपीए एक्ट 1967 के अनुसार भारत सरकार ने इस संस्था पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा नवंबर 2021 में इस संगठन पर प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया|

जाकिर नाईक पर धार्मिक नफरत फैलाने का आरोप है| इस मामले में उनके खिलाफ देश में कई जगहों पर मामले दर्ज किये गये हैं| इसके साथ ही उन पर कई गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने का भी आरोप है| वह आतंकी समूह के रडार पर था,लेकिन उसकी मुस्कान फीकी पड़ने से पहले वह मलेशिया भाग गया।

जाकिर नाईक पीस टीवी पर धार्मिक उपदेश देता था| इसके जरिए वह दूसरे धर्मों के खिलाफ नफरत फैलाता था। पीस टीवी की स्थापना वर्ष 2006 में हुई थी। लेकिन फिलहाल पीस टीवी को भारत, कनाडा, ब्रिटेन, बांग्लादेश समेत कई देशों में बैन कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने जाकिर नाईक की संस्था आईआरएफ पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं| आईआरएफ द्वारा ऐसी कार्रवाइयां की जाती हैं जो भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती हैं। साथ ही केंद्र सरकार ने कहा है कि इस संगठन से शांति, सामाजिक स्वास्थ्य और भाईचारा बिगड़ने की आशंका है|

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