एक से भले दो से भले तीन,ऐसा कहने का मतलब है कि महाराष्ट्र और उद्धव बाला साहेब ठाकरे सेना के नेता आदित्य ठाकरे ने बिहार के मुख्यमंत्री (सीएम) और उपमुख्यमंत्री ( डीसीएम) से मुलाकात की है। यानी एक से भले दो। आदित्य ठाकरे बिहार जाकर सीएम नीतीश कुमार और डीसीएम तेजस्वी यादव से मुलाक़ात की।
अब रही दो से भले तीन की बात तो, कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के महाराष्ट्र में प्रवेश करने पर आदित्य ठाकरे ने इस यात्रा में शामिल हुए थे। कहने का मतलब यह है कि यह तीन लोग हैं जो अपने वजूद की तलाश कर रहे हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार खुद अगली बार बिहार के सीएम बनेंगे की नहीं यह शंका अभी से जताई जा रही है। लेकिन वे पीएम की कुर्सी का पाया पकड़ने की कोशिश कर दी जिसे फिलहाल वह ठंडे बस्ते में डाल दिए हैं।
दूसरी ओर, भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे राहुल गांधी कांग्रेस के अस्तित्व पर खड़े खतरे को देखते हुए इस यात्रा से अपने पार्टी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। यह संजोग ही है कि जब राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकाले की तैयारी कर रहे थे ,उससे एक दिन पहले नीतीश कुमार राहुल से मिले थे। जो विपक्ष को एकजुट करने के लिए निकले थे। लेकिन, अफ़सोस नीतीश कुमार को केवल अन्य पार्टियों से आश्वासन ही मिला। आज यानी बुधवार को अब आदित्य ठाकरे उनसे मिलने पहुंचे हैं।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर आदित्य ठाकरे को नीतीश कुमार ऐसा कौन सा काम आ गया कि वे उनसे मिलने बिहार पहुंच गए।क्या आदित्य ठाकरे पीएम मोदी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने निकले हैं। मुंबई में आगामी नगर निगम चुनाव में यहां रह रहे बिहार के लोगों को लुभाने दोनों नेताओं से चुनाव प्रचार कराएंगे। मगर, इस दौरान, आदित्य ठाकरे ने जो कहा उसका तो यही मतलब निकल कर आ रहा है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि देश के सभी युवा नेताओं को मिलकर बेरोजगारी के मुद्दे को उठाना चाहिए। याद रहे कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार गिरने के बाद आदित्य ठाकरे बेरोजगार हो गए हैं। शिवसेना के चालीस विधायक अलग होकर बीजेपी के साथ सरकार बना ली है। उद्धव ठाकरे की सेना अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है ,
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