पूजा खेड़कर के बाद अब इन 4 आईएएस का नाम सटिर्फिकेट दुर्व्यवहार मामले में सामने आ रहा है।

ये वो आईएएस है जिन्होंने अपने यूपीएससी परीक्षा के दौरान जाती प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, और दिव्यांग प्रमाणपत्र जोड़ें है। लोगों का कहना है की इन आईएएस अफसरों के प्रमाणपत्रों और चयन की जाँच होनी चाहिए।

पूजा खेड़कर के बाद अब इन 4 आईएएस का नाम सटिर्फिकेट दुर्व्यवहार मामले में सामने आ रहा है।

After Pooja Khedkar, now the names of these 4 IAS officers are coming to the fore in the certificate misbehavior case.

कुछ दिनों से महाराष्ट्र के पुणे से अंडर ट्रेनी आईएएस पूजा खेड़कर अपने आक्रामक और जिद्दी रवैय्ये से चर्चा में है। ऐसे में यूपीएससी में गलत मेडिकल और इनकम सर्टिफिकेट बनवाने के आरोपों से घिरी हुई है। ऐसें में लोगों ने यूपीएससी की कार्यपद्धति पर प्रश्नचिन्ह भी उठाए है। 

पूजा खेडकर पर जांच समिति का भी गठन किया गया है, फिर भी यूपीएससी की मुश्किलें थम ने का नाम ही नहीं ले रहीं। पूजा खेड़कर के प्रकरण के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने कुछ और आईएएस का नाम भी उछाला है। ये वो आईएएस है जिन्होंने अपने यूपीएससी परीक्षा के दौरान जाती प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र, और दिव्यांग प्रमाणपत्र जोड़ें है। लोगों का कहना है की इन आईएएस अफसरों के प्रमाणपत्रों और चयन की जाँच होनी चाहिए।

कौन हे वे अफसर; क्या लग रहें है आरोप ?

नितिका खंडेलवाल 2015, की आईएएस बैच की अफसर है, जिनका यूपीएससी में रैंक 857 होने बावजुद विजुअल इम्पीरिटी के प्रमाणपत्र के चलते उन्हें दिव्यांग कोटा (पीडब्लूडी कोटा) से आईएएस का पद मिला। पद मिलने के पश्चात् से उनके सम्पर्क में आए या उनसे मिलने वाले लोगों ने उनमें इस प्रकार की कोई इम्पीरिटी नहीं पाई है। पूजा खेड़कर पर लगे आरोपों के बाद अब नितिका खंडेलवाल के चयन पर भी शोशल मीडिया पर सवाल उठ रहें है। 

केरल के आईएएस आसिफ़ के युसूफ, 2016 की बैच के आईएएस अफसर है। आसिफ ने यूपीएससी में 215 रैंक हासिल की थी, पर अब उनके गलत ओबीसी प्रमाणपत्र और झूठे आय प्रमाणपत्र जोड़ने के आरोपों के चलते केंद्र सरकार ने राज्य जांच के आदेश दिए थे। फ़िलहाल इस विषय में आसिफ पर जांच चल रही है। 

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प्रियांशु खाटी, 2021 बैच के आईएएस,इन्हें सीविल सर्विस की परीक्षा में 245 रैंक मिली थी। इन्होने अपने फॉर्म में निकिता की तरह दिव्यांग प्रमाणपत्र लगाया है, फर्क बस इतना है की इन्होंने ऑर्थो हैंडीकैप यानी हड्डी से सम्बंधित दिव्यांग होने का प्रमाणपत्र जमा किया था। पर लोगों का कहना है की इससे पहले 2019 इन्होने ‘पीडब्लुडी 5’ अर्थात मल्टीपल डिसेबिलिटी का प्रमाणपत्र जोड़ा था तब उनकी रैंक 685 आने के चलते आईएएस नहीं मिल पाई थी। 

पूर्व आईएएस अभिषेक सिंग, 2011 की बैच के आईएएस रह चुके है, जिन्होंने पिछले वर्ष ही अपने पद से इस्तीफा दिया था। कहा जा रहा है अभिषेक सिंह फिर एक बार सर्विस में जुड़ने की कोशिश क्र रहे थे पर उप्र प्रशासन की मनाई के चलते उन्हें सर्विस से दूर रखा गया। अब पूजा खेड़कर के प्रकरण के चलते अभिषेक सिंह द्वारे पीडब्लूडी कोटा में जोड़े गए लोकोमेटिव डिसॉर्डर प्रमाणपत्र पर भी सवाल उठ रहें है।  मामले के सोशल मीडिया पर गर्माने के बाद अभिषेक सिंग ने अपने एक्स’ हैंडल से अपने प्रामाणिक होने की बात की है, पर अपने बयान में उन्होंने अबतक उनके दिव्यांग प्रमाणपत्र पर उठे सवालों का कोई उत्तर नहीं दिया है। 

पूजा खेडकर मामले के बाद से सोशल मीडिया पर यूपीएससी की चयन पद्धती पर लोग सवाल उठा रहें थे और अब इन अफसरों के मामलों के बाद तो माहौल और भी गर्माया है। यूपीएससी ने इनके बारें में अबतक कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। फिलहाल सोशल मीडिया पर यूपीएससी धड़ल्ले से ट्रेंड हो रहा है, जिसमें कई अफसरों के चयनपर सवाल उठाए जा रहे है।  

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