”प्राण प्रतिष्ठा समारोह​”: ​आरोप-प्रत्यारोप और राजनीति का कब्जा !

विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद रामलला की मूर्ति को इस मंदिर के मूल भाग में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद इस समारोह पर आरोप-प्रत्यारोप और राजनीति का कब्जा हो गया है| 

”प्राण प्रतिष्ठा समारोह​”: ​आरोप-प्रत्यारोप और राजनीति का कब्जा !

​"Pran Pratishtha Ceremony": ​Accusations and counter-allegations and capture by politics!

अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बन रहा है| इस मंदिर में 22 जनवरी को प्राणप्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जाएगा। विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद रामलला की मूर्ति को इस मंदिर के मूल भाग में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद इस समारोह पर आरोप-प्रत्यारोप और राजनीति का कब्जा हो गया है| 

सुब्रमण्यम स्वामी ने क्या कहा है?: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औपचारिक छह दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा पूजा में भाग नहीं ले सकते। इस समारोह में चार पीठों के शंकराचार्य शामिल नहीं होंगे|साथ ही सुब्रमण्यम स्वामी ने यह भी कहा है कि मैं 17 अप्रैल को रामनवमी के दौरान भगवान राम के दर्शन करने जाऊंगा|सुब्रमण्यम स्वामी का ये पोस्ट काफी चर्चित है| इससे पहले दिसंबर महीने में भी सुब्रमण्यम स्वामी ने इसी तरह से मोदी की आलोचना की थी|

दिसंबर महीने में सुब्रमण्यम स्वामी ने क्या कहा?: राम भक्तों ने प्रधानमंत्री मोदी के हाथों कैसे दी अयोध्या में राम मंदिर की इजाजत? राम ने 14 वर्ष वनवास में बिताए, अपनी पत्नी सीता की रिहाई के लिए संघर्ष किया। हालांकि भाजपा नेताओं ने अभी तक सुब्रमण्यम स्वामी के पोस्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन जिस एक्स सोशल साइट पर उन्होंने उक्त पोस्ट किया था, उसके तहत कई लोगों ने उनके बयान पर गौर किया है| कुछ लोगों ने कहा कि मुझे दुख है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री मोदी ने आपको मंत्री पद नहीं दिया, लेकिन इस पोस्ट पर लोगों ने कहा कि उन्हें अब पता चला है कि उन दोनों का फैसला कितना सही था| 

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