समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क पर 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है। इस तरह इलाहाबाद कोर्ट ने बर्क को झटका दिया है| जियाउर रहमान बर्क ने अपने खिलाफ एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी| इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मांग खारिज कर दी और साफ किया कि पुलिस जांच जारी रखेगी| हालांकि, कोर्ट ने पुलिस को एमपी बर्क को फिलहाल गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया है|
संभल में हिंसा कराने का आरोप सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर लगा है| वे एकत्र हुए और मस्जिद के बाहर भीड़ को उकसाया, जिसके बाद व्यापक हिंसा हुई। जिला न्यायालय के आदेश के बाद संभल की शाही जामा मस्जिद के अंदर सर्वे का काम शुरू हो गया है|
जब निरीक्षण चल ही रहा था तभी अचानक बड़ी संख्या में लोग मस्जिद के बाहर जमा हो गए और नारे लगाने लगे| इसके बाद उन्होंने पुलिस टीम पर पथराव शुरू कर दिया और गाड़ियों में आग लगा दी| पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी और लाठियां चलाईं| इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई| उन्होंने कोर्ट में मांग की थी कि बर्क के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए| हालांकि कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया|इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का पुराना आदेश ही लागू किया जाएगा|
कोर्ट ने कहा कि बर्क के खिलाफ जिस धारा के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, उसमें सात साल से कम की सजा का प्रावधान है| पुलिस बर्क को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुला सकती है| इस बार जियाउर रहमान बार्क को जांच में सहयोग करना होगा| साथ ही अगर वे जांच में सहयोग नहीं करेंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा|
संभल पुलिस ने 24 नवंबर की हिंसा में स्थानीय सांसद जियाउर्रहमान बर्क को भी आरोपी बनाया है. उनके खिलाफ कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी|बर्क ने एफआईआर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी और इसे रद्द करने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने मांग खारिज कर दी| मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति अज़हर हुसैन इदरीसी की पीठ के समक्ष हुई।
यह भी पढ़ें-
Maharashtra: गढ़चिरौली दौरे को लेकर ‘सामना’ में सीएम फडणवीस की तारीफ, राउत के बदले सुर!