कांग्रेस के विरोध और विधानसभा से बहिष्कार के बावजूद, हरियाणा सरकार ने हरियाणा धार्मिक धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 को पारित कर दिया। “बल, अनुचित प्रभाव या प्रलोभन के माध्यम से” धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए विधेयक बिल विधानसभा में पेश किया गया था।
हरियाणा विधानसभा ने बल, अनुचित प्रभाव अथवा लालच के जरिए धर्मांतरण कराने के खिलाफ विधेयक को पारित कर दिया। कांग्रेस ने विधेयक पर विरोध जताया और सदन बहिष्कार भी किया। यदि धर्मांतरण लालच, बल प्रयोग, कपटपूर्ण तरीके से किया जाता है, तो एक से पांच साल की कैद और कम से कम एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
इसी तरह के विधेयक हाल में भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में पारित किये गए थे। हरियाणा गैर-कानूनी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 के मुताबिक, अगर लालच, बल या धोखाधड़ी के जरिए धर्म परिर्वतन किया जाता है तो एक से पांच साल की सजा और कम से कम एक लाख रुपये के जुर्माना का प्रावधान है। विधेयक के अनुसार कम से कम चार साल जेल का सजा मिलेगी, जिसे बढ़ाकर 10 साल और कम से कम तीन लाख रुपये का जुर्माना किया जा सकता है।
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा कानूनों में ही जबरन धर्मांतरण कराए जाने पर सजा का प्रावधान है, ऐसे में एक नया कानून लाए जाने की कोई जरूरत नहीं थी। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी ने कहा, ”मुझे लगता है कि यह हरियाणा के इतिहास में एक काला अध्याय होगा।
उन्होंने कहा, ” यह विधेयक सांप्रदायिक बंटवारे और भविष्य में गंभीर परिणाम की भी बात कही गयी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रघुवीर सिंह कादियान ने कहा, ” इस विधेयक को लाने की इतनी कोई जल्दी नहीं थी।
यह पढ़ें-
‘Kashmir issue’: नहीं मिलते Congress से विचार, महाराजा के पोते का इस्तीफा