आशीष शेलार ने संजय राउत पर कसा तंज “गांजा और चिलम पीने वाला…”

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के जरिए मोदी सरकार की आलोचनाओं का दौर शुरू कर दिया है|

आशीष शेलार ने संजय राउत पर कसा तंज “गांजा और चिलम पीने वाला…”

Ashish Shelar taunts Sanjay Raut "Ganja and Chimal drinker..."

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उम्मीदवारी रद्द करने के बाद शिवसेना के ठाकरे गुट ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए मोदी सरकार की आलोचनाओं का दौर शुरू कर दिया है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि देश में अमृतकाल चल रहा है, लेकिन इस अमृतकाल में जहर के फव्वारे रोज उड़ते नजर आते हैं|चोरों को चोर कहने में राहुल गांधी का क्या गुनाह है? सामना के मुखपत्र में ऐसा सवाल पूछा जा रहा है।

आशीष शेलार ने कहा : इस बीच सामना की इस हेडलाइन पर भाजपा की ओर से प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं| भाजपा नेता और विधायक आशीष शेलार ने सामना की हेडलाइन की आलोचना की है| आशीष शेलार ने कहा, ”जिस बौद्धिक स्तर से उनकी प्रस्तावना आ रही है| लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने इस प्रकार की प्रस्तावनाओं के बारे में बात करते हुए कहा कि गांजा या चिलम का आदी व्यक्ति या पागल व्यक्ति इस तरह से लिख सकता है। मैं उस आदमी की तुलना भी गांजा और चिलम पीने वाले आदमी से करता हूँ|

शेलार ने कहा, “मैं संपादकीय की प्रस्तावना का वर्णन गांजा या हुक्का पीने वाले व्यक्ति द्वारा लिखे जाने के रूप में करूंगा, मैं इससे अधिक नहीं कहूंगा।” शिवसेना (ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक हैं। वे ही हैं जो ज्यादातर संपादकीय के लिए राजनीतिक सुर्खियां लिखते हैं। लिहाजा शेलारों ने सीधे तौर पर राउत पर हमला बोला है।

शिवसेना ने प्रस्तावना में क्या कहा है? : राहुल गांधी की सांसद को रद्द करने का काम मोदी सरकार ने किया है। राहुल गांधी ने चोरों को चोर कहने का साहस दिखाया है तो सत्ता पक्ष ने कानूनी कार्रवाई में कमी दिखाई है. सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे है? यह सवाल राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक प्रचार रैली में पूछा था। गुजरात में एक अलग मोदी सूरत की अदालत में गए, उन्होंने फैसला किया कि इस सवाल से ‘मोदी नाम’ की बदनामी हुई है।

सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने राहुल गांधी को माफी मांगने और मामले को निपटाने का विकल्प दिया है। लेकिन राहुल गांधी ने माफी नहीं मांगी और जमानत पर छूटकर सूरत की अदालत के फैसले को चुनौती दी।
यह भी पढ़ें-

राहुल गांधी ने कुछ नया नहीं बोला! बस मोदी-अडानी और लोकतंत्र में अटके    

Exit mobile version