पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बहन अलीमा खान ने सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया है कि वह इस्लामी कट्टरपंथी हैं और भारत के साथ एक पूर्ण युद्ध की इच्छा रखते हैं। स्काई न्यूज की याल्दा हाकिम को दिए इंटरव्यू में अलीमा ने कहा कि मुनीर एक इस्लामिक कंजरवेटिव हैं, जिनकी कट्टर सोच ही भारत के खिलाफ युद्ध को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने दावा किया कि इनके विपरीत इमरान खान पूरी तरह लिबरल हैं और जब भी सत्ता में आते हैं, भारत और भाजपा से संबंध सुधारने की कोशिश करते हैं।
अलीमा के आरोप ऐसे समय में आए हैं जब एक दिन पहले ही उनकी बहन को अदियाला जेल में इमरान खान से मिलने की अनुमति दी गई थी, जिसके बाद उनकी सुरक्षा को लेकर कई अफवाहें फैल गई थीं। अलीमा ने पश्चिमी देशों से अपील की कि वे इमरान खान को जेल से बाहर निकालने के प्रयास तेज करें। उनके अनुसार इमरान एक एसेट हैं, और पाकिस्तान में कट्टरवादी नेतृत्व के बढ़ने से क्षेत्र में तनाव और अस्थिरता बढ़ रही है।
अलीमा ने कहा कि मुनीर की बयानबाज़ी और उनकी इस्लामी कट्टरता के कारण भारत-पाकिस्तान संबंध मई महीने से और बिगड़ गए। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर को जुगुलर वेन बताने और मुसलमान–हिंदू भिन्नता पर दिए गए बयानों ने पाकिस्तान के भीतर वैचारिक उग्रता को बढ़ाया, जिसके बाद अप्रैल में पहलगाम हमला हुआ जिसमें 26 लोग मारे गए। इसके जवाब में भारत ने मई में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के अंदर कई आतंकी ठिकानों और 11 सैन्य स्थलों को निशाना बनाया गया।
इमरान खान ने भी मंगलवार (2 दिसंबर) को जारी एक संदेश में मुनीर को मानसिक रूप से अस्थिर तानाशाह कहा और आरोप लगाया कि अगर जेल में उनके साथ कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी सेना प्रमुख पर होगी। इमरान ने दावा किया कि उन्हें और उनकी पत्नी को कठोर मानसिक यातना दी जा रही है और उन्हें ऐसी परिस्थितियों में रखा गया है जो मौत की सजा पाए कैदियों से भी बदतर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुनीर की नीतियों के कारण पाकिस्तान में आतंकवाद कैंसर की तरह फैल गया है।
इमरान और उनकी बहनों के बयानों से पाकिस्तान में सेना और राजनीतिक नेतृत्व के बीच बढ़ते तनाव साफ दिखाई देते हैं, जहां एक तरफ इमरान खुद को भारत से बेहतर संबंधों का समर्थक बताते हैं, वहीं आसिम मुनीर युद्धोन्मुखी रुख के लिए लगातार आलोचना झेल रहे हैं।
यह भी पढ़ें:
UAPE में गिरफ्तारियों की बढ़ती संख्या, लेकिन दोषसिद्धि 3 प्रतिशत से भी कम !
दिल्ली एमसीडी उपचुनाव: भाजपा का दबदबा कायम लेकिन, दो पुराने वार्ड हाथ से निकले
नागपुर: ब्रह्मोस इंजीनियर निशांत अग्रवाल पर जासूसी के गंभीर आरोप हुए खारिज; तुरंत रिहाई के आदेश दिया



