जीतने की क्षमता हो तो ही मांगें सीटें, शाह ने शिंदे-पवार को दी चेतावनी!

माना जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली में हुई महागठबंधन की बैठक में स्पष्ट संदेश दिया है कि सीटों का बंटवारा जीतने की क्षमता के आधार पर किया जाएगा|

जीतने की क्षमता हो तो ही मांगें सीटें, शाह ने शिंदे-पवार को दी चेतावनी!

Ask for seats only if you have the capability to win, Shah warned Shinde-Pawar!

बिहार में लोकसभा चुनाव की सीट शेयरिंग फार्मूले के बाद भाजपा को अब महाराष्ट्र पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा| इसलिए भाजपा महागठबंधन में शिंदे और पवार गुट के साथ सीट शेयरिंग को लेकर कोई समझौता करने को तैयार नहीं है| माना जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली में हुई महागठबंधन की बैठक में स्पष्ट संदेश दिया है कि सीटों का बंटवारा जीतने की क्षमता के आधार पर किया जाएगा|

आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा हर हाल में 370 सीटों का आंकड़ा पार करना चाहती है|  इसलिए भाजपा ने पहली सूची में जिंकेल ऐ कंडाथी फॉर्मूले के तहत उम्मीदवारों की घोषणा की थी| सोमवार को शाम छह बजे के बाद केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी और दूसरी सूची में महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों से भाजपा उम्मीदवारों की घोषणा की जायेगी|

दूसरी सूची भाजपा के लिए सबसे अहम मानी जा रही है और यहां भी जीत का फॉर्मूला अपनाया जाना तय है| इसलिए अगर एकनाथ शिंदे गुट और अजित पवार को महाराष्ट्र में भी ज्यादा सीटें जीतनी हैं तो भाजपा को अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करनी होगी| अगर जीत की गारंटी नहीं है तो साफ है कि भाजपा दोनों ग्रुपों को उतनी सीटें नहीं देगी जितनी वे मांगेंगे|

महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 32 से 36 सीटों पर भाजपा, 8-10 सीटों पर शिवसेना का शिंदे गुट, 6-8 सीटों पर एनसीपी का अजित पवार गुट चुनाव लड़ सकता है। समझा जाता है कि शुक्रवार को दिल्ली में शाह के आवास पर ढाई घंटे तक चली बैठक में शिंदे गुट ने 13 सीटों की मांग की है, जबकि अजित पवार गुट ने 10 सीटों की मांग की है| हालांकि, भाजपा ने महागठबंधन में अपने सहयोगियों की मांगों को स्वीकार करके जीतने की अपनी क्षमता से समझौता करने से इनकार कर दिया है।

इसलिए शाहों के साथ महायुति के नेताओं की दो बैठकों के बाद भी सीट बंटवारे का पेंच नहीं सुलझ सका| अगले दो दिनों में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की दिल्ली में फिर मुलाकात होने की संभावना है। इस बैठक में भाजपा को यह सुनिश्चित करना है कि एकनाथ शिंदे और अजित पवार अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को जिताएं| अन्यथा हमें भाजपा द्वारा दी गई सीटों से ही संतुष्ट रहना होगा।

बिहार में नीतीश कुमार की जनता दल (एनसी) कमजोर हो रही है और लोकसभा चुनाव में भाजपा को बड़ा झटका लगने की संभावना है| महाराष्ट्र में भाजपा को इस बात का ध्यान रखना होगा कि शिंदे और पवार गुट को ज्यादा सीटें देकर बिहार की तरह उसकी नींव में कोई कसर न रह जाए| इसलिए कहा जा रहा है कि भाजपा शिंदे और पवार गुट को ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है|

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