आसाम में सोनपुर के कोसुटोली गांव में आदिवासी समाज की जमीन और ब्लॉक है, जहां सरकारी जमीन पर स्थलांतरीत मुसलमानों ने अवैध अतिक्रमण किया है। 12 सितंबर को इस अवैध अतिक्रमण को हटाने के प्रशासकीय काम मुस्लिम भीड़ ने बाधित किया था। पुलिस पर हथियारों से हमला करने के बाद फायर खोला गया जिसमें 2 लोगों की मौत हुई। दरम्यान कांग्रेस ने मृतकों के परिवारों को सांत्वना देने और स्थलांतरितों के पक्ष को उठाने के लिए अपने डेलिगेशन को सोनपुर के कोसुटोली भेजा था। दरम्यान स्थानिक लोगों ने कांग्रेस को देखते ही उनका गुस्सा फुट पड़ा और स्थानिक आदिवासियों ने कांग्रेस डेलिगेशन के खिलाफ नारेबाजी कर उन्हें पिछे लौटने पर मजबूर किया।
इसी वजह से कांग्रेस के 13 सदस्यीय डेलिगेशन को किसी से मिले बिना लौटना पड़ा है। वहीं कांग्रेस नेता जाकिर हुसैन सिकदर ने भाजपा पर उनके विरोध का कारण बनने का आरोप लगाकर दावा किया कि जिन लोगों ने उनका रास्ता रोका वे भाजपा के साथ मिले हुए हैं। उन्होंने कहा,”“कांग्रेस आदिवासी क्षेत्र के लोगों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार है। हालाँकि, हम आदिवासियों की रक्षा के लिए बेदखली के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे। जिन लोगों ने हमें रोका वे स्पष्ट रूप से भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं।”
आप को बता दें शनिवार (14 सितंबर) को कोसुटोली में स्थानिकों ने प्रदर्शन किए थे। आदिवासी जमीनों और ब्लॉक की रक्षा करने को लेकर उन्होंने मांग उठाई थी। दौरान स्थानिकों ने बताया की कांग्रेस ने इलाके में वोटबैंक बढ़ाने और उनके हित की राजनीती करने के लिए अवैध स्थलांतरितों तो यहां बसाया था, जिस बात पर स्थानिक मुसलमानों ने भी हामी भरी थी। इसी वजह से कांग्रेस के डेलिगेशन को देखकर स्थानिक भड़क उठे और ‘हाय-हाय’ और ‘गो-बैक’ के नारों के साथ डेलिगेशन को वापिस भिजवाया।
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कांग्रेस के डेलिगेशन से पहले आसाम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कह चुके है की, ”कांग्रेस और अन्य कट्टरपंथी ताकतों ने अतिक्रमणकारियों को उकसाया। उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया। बांग्लादेश में जो नारा लगाया जा रहा था; वे अब यहां उसी नारे का उपयोग कर रहे हैं। असम पुलिस की कार्रवाई के बाद इलाके में फिर से शांति हो गई है और लोगों को हटाने का काम जारी है।”