जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राज्य भर में जगह-जगह सभी राजनीतिक दलों की बैठकें और सभाएं की जा रही हैं। इन सभाओं और सभाओं के जरिए चुनाव का बिगुल फूंका जा रहा है|इसलिए राज्य में इस समय माहौल गर्म है| इन दौरों के जरिए विधानसभा क्षेत्रों की समीक्षा की जा रही है| जिताऊ उम्मीदवारों की भी खोज की जा रही है| साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आ रहे हैं|इसी क्रम में आज धुले जिले के शिंदखेड़ा में एनसीपी शरद चंद्र पवार पार्टी अध्यक्ष शरद पवार द्वारा एक किसान बैठक आयोजित की गई।
इस सभा में बोलते हुए शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य में महागठबंधन के नेताओं पर हमला बोला| शरद पवार ने यह भी कहा, ‘मैं आपको अपना वचन देता हूं, एक बार राज्य को आपके हाथों में दे दीजिए, फिर महाराष्ट्र का चेहरा बदलेगा।’
शरद पवार ने क्या कहा?: “मैंने 10 साल तक देश का कृषि विभाग संभाला। जब मुझे कृषि विभाग की जिम्मेदारी मिली तो सबसे पहली बात जो मेरे मन में आयी वह थी अमेरिका से गेहूं आयात करना। विदेश से चावल लाओ| मैं उस समय दुखी था| मेरा जन्म एक किसान परिवार में हुआ। माता-पिता खेती करते हैं। यहां कृषि मौसम पर आधारित है और तब भी गेहूं और चावल जैसे अनाज विदेशों से आयात किये जाते थे। हम इससे संतुष्ट नहीं था| इसलिए मैंने यह चुनौती स्वीकार कर ली|
इस विभाग में 10 साल तक काम किया और 2014 में विभाग छोड़ दिया। उस समय मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा था कि भारत 10 साल में दुनिया का नंबर दो गेहूं निर्यातक बन गया। शरद पवार ने यह भी कहा कि जब वह कृषि मंत्री थे तो उन्होंने देश के सभी किसानों का 71 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया था|
“आज यह तालुका मजदूरों और किसानों का तालुका है। हालाँकि, इस जगह पर क्या देखा जाता है? सत्ता का दुरुपयोग शुरू हो गया| धमकाना शुरू हो गया| झूठे मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। तनाव के प्रकार बढ़ गये। लोगों को जेल में डाला जाने लगा| हालाँकि, सत्ता लोगों के लिए है। लेकिन कुछ लोगों को सत्ता मिलने के बाद सत्ता सिर पर चढ़ जाती है और सत्ता का दुरुपयोग किया जाता है।
शरद पवार ने यह भी कहा अभी राज्य की सत्ता गलत लोगों के हाथ में है| कल मौका मिलने पर उनके हाथ से वह शक्ति छीनकर महाविकास अघाड़ी को सौंपने का काम आपको करना है। मैं आपको अपना वचन देता हूं, एक बार राज्य दे दीजिए, फिर महाराष्ट्र का चेहरा बदलेगा।”
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