बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद से अभी स्थिति अच्छी नहीं बतायी जा रही है| वहां आये दिन हिंदुओं पर अत्याचार के कारण अल्पसंख्यकों को लेकर चिंता बढ़ी हुई हैं। बांग्लादेश सरकार द्वारा हिन्दुओं की सुरक्षा को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है| इसी बीच इस्कॉन के सदस्य चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद से स्थिति और भी बिगड़ती दिखाई दे रही है| वही, इस मामले को लेकर भारत ने भी बांग्लादेश को दो टूक संदेश दिया है।
चिन्मय कृष्ण दास इस्कॉन के प्रवक्ता और पुंडारिक धाम के अध्यक्ष हैं। चिन्मय कृष्ण दास पर झंडे का निरादर करने का बांग्लादेश ने आरोप लगाया है। बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार अक्टूबर में अपनी एक रैली के दौरान उन्होंने झंडे का अपमान किया था। वही, बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोट के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत रद्द होने पर चिंता जताई है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपना बयान जारी कर बांग्लादेश को दो टूक जबाव दिया है|
विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर कई हमले हुए। कुछ उग्रवादियों ने अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया। अल्पसंख्यकों के साथ लूट-पाट और हिंसा के कई मामले सामने आए हैं। कई लोगों के घर और उनके व्यवसाय को तबाह कर दिए गए। मंदिरों और उनके इष्ट देवों की मूर्तियों को भी ध्वस्त कर दिया गया है।
बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर एक समुदाय टारगेट कर हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है| वही, इस्कॉन के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास पर कार्रवाई बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है|शांतिपूर्ण रूप से धरना प्रदर्शन कर रहे अल्पसंख्यकों पर भी हमले हो रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय इसकी भी कड़ी निंदा कर हैं।
पश्चिम बंगाल में रहने वाले हिंदुओं का कहना है कि अगर चिन्मय कृष्ण दास को जमानत नहीं मिली, तो वो बांग्लादेश के बॉर्डर को सीज कर देंगे। बांग्लादेश सरकार ने भगवा लहराने के लिए उन पर देशद्रोह के1 8 मामले दर्ज किए हैं। उनकी गिरफ्तारी को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने हिंदू सहित सभी अल्पसंख्यकों को लेकर सुरक्षा और सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश के अधिकारियों से अपील की है।
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