मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर आंदोलन के महानायक रामचंद्र दास परमहंस की पुण्यतिथि पर दिगंबर अखाड़ा में उनकी मूर्ति का अनावरण किया। इसके पहले रामकथा पार्क के पास परमहंस की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। दिगंबर अखाड़ा में संत-महंतों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मंच पर मांग की। उन्होंने कहा कि रामचंद्र दास परमहंस की स्मृति में रामनगरी में चौराहे का निर्माण हो। चौराहे पर राम मंदिर आंदोलन के महानायक की मूर्ति भी स्थापित हो।
अयोध्या का राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 से रामलला विराजमान हुए| राम मंदिर के लिए 500 साल का लंबा संघर्ष किया गया|अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन को धार देने में देश के कई महान विभूतियां ने लंबे समय से संघर्ष किया, यही कारण है कि आज अयोध्या में प्रभु राम का भव्य और दिव्य मंदिर आकर ले रहा है| अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन को धार देने वाले स्वर्गीय रामचंद्र परमहंस दास जी को आज भी पूरी अयोध्या याद करती है| इसके अलावा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनकी पुण्यतिथि पर धर्मनगरी अयोध्या के दिगंबर अखाड़ा पर जाकर उनको पुष्पांजलि भी अर्पित करते हैं रामचंद्र परमहंस दास जी राम मंदिर आंदोलन के अगुआ माने जाते हैं|
1949 से लेकर 1990 तक कई बार महंत रामचंद्र परमहंस दास के नेतृत्व में राम मंदिर के लिए आंदोलन भी किया गया| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दादा गुरु के साथ राम मंदिर आंदोलन को आज परिणाम तक लाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले रामचंद्र परमहंस की स्मृति अयोध्या के कई इतिहास के किताबों में भी देखने को मिलती है| ‘प्रतिवाद भयंकर’ के नाम से विश्व विख्यात हिंदूवादी चेहरे के तौर पर प्रसिद्ध राम मंदिर न्यास के अध्यक्ष रहे रामचंद्र परमहंस दास की मृत्यु 1 अगस्त 2003 में हुई थी|
90 के दशक में अयोध्या मामले के दो प्रसिद्ध पक्षकार रामचंद्र परमहंस दास जी और हाशिम अंसारी एक साथ ही रिक्शे से अदालत आया-जाया करते थे| गौरतलब है कि 2003 में रामचंद्र परमहंस दास जी और 2016 में हाशिम अंसारी का निधन हो गया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया|
दिगंबर अखाड़ा के महंत और संत शिरोमणि रामचंद्र परमहंस दास अपने विद्रोही स्वभाव के लिए जाने जाते थे| देश की राजनीति में भी रामचंद्र परमहंस दास का दबदबा रहता था| तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रामचंद्र परमहंस दास के निधन पर सरयू घाट पर श्रद्धांजलि अर्पित किया था| संत रामचंद्र परमहंस की कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस दिन उनका देहांत हुआ उस दिन संपूर्ण अयोध्या शोक लहर में डूब गई थी|
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