34 C
Mumbai
Tuesday, April 8, 2025
होमराजनीतिबाबू जगजीवन राम: वंचितों के अधिकारों के लिए समर्पित एक जीवन

बाबू जगजीवन राम: वंचितों के अधिकारों के लिए समर्पित एक जीवन

उनका जीवन केवल प्रशासनिक पदों तक सीमित नहीं था, वे लोकतंत्र के सजग प्रहरी भी थे।

Google News Follow

Related

भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री, स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक न्याय के पुरोधा बाबू जगजीवन राम की जयंती के अवसर पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर बाबूजी के जीवन, विचारों और उनके असाधारण योगदान को याद किया गया।

बाबू जगजीवन राम का जन्म 5 अप्रैल 1908 को बिहार के आरा ज़िले के चंदवा गांव में हुआ था। उन्होंने बचपन में ही जातिगत भेदभाव का सामना किया, जिसने उनके भीतर सामाजिक समानता की अलख जगाई। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और अपने छात्र जीवन से ही सामाजिक न्याय के लिए सक्रिय हो गए। 1935 में उन्होंने ऑल इंडिया डिप्रेस्ड क्लासेज लीग की स्थापना की, जो दलित समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्षरत रही।

स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भागीदारी उल्लेखनीय रही। 1946 में वे अंतरिम सरकार में सबसे कम उम्र के मंत्री बने और स्वतंत्र भारत के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाई। आज़ादी के बाद उन्होंने श्रम, कृषि, संचार, रेलवे और रक्षा जैसे प्रमुख मंत्रालयों का नेतृत्व किया। 1971 के भारत-पाक युद्ध के समय वे देश के रक्षा मंत्री थे और उनके नेतृत्व में भारत ने निर्णायक विजय प्राप्त की, जिससे बांग्लादेश का उदय हुआ।

उनका जीवन केवल प्रशासनिक पदों तक सीमित नहीं था। वे लोकतंत्र के सजग प्रहरी भी थे। जब 1975 में देश में आपातकाल लगाया गया, तब बाबूजी ने सबसे पहले खुलकर उसका विरोध किया। उस दौर में जब कई वरिष्ठ नेता चुप्पी साधे रहे, तब उन्होंने जनता से आह्वान किया कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करें और परिणामों से भयभीत न हों।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम को उनकी जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। वंचितों और पीड़ितों के अधिकार के लिए उनका आजीवन संघर्ष सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा।” प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि बाबूजी का जीवन एक मजबूत और लोकतांत्रिक भारत के लिए समर्पित रहा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबूजी को सामाजिक न्याय का पुरोधा बताते हुए लिखा, “शोषितों-वंचितों के हितों के संरक्षण व संवर्धन के लिए उन्होंने आजीवन संघर्ष किया। जन-जन के लिए वे सदैव प्रेरणा-पुंज रहेंगे।”

बाबू जगजीवन राम का जीवन इस बात का प्रमाण है कि एक व्यक्ति सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में किस तरह से गहरे प्रभाव छोड़ सकता है। उनका आदर्श आज भी देश के लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के संघर्षों में प्रेरणा देता है।

यह भी पढ़ें:

राशिफल 5 अप्रैल 2025: शनैश्चरी अमावस्या पर इन राशियों की बदलेगी किस्मत, जानें कैसा रहेगा शनिवार का दिन

‘पंचायत 4’ की वापसी: फुलेरा गांव फिर लाएगा हंसी, बताई डेट !

भूकंप के तेज झटकों से दहला पापुआ न्यू गिनी, म्यांमार के बाद फिर बड़ा भूकंप !

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,150फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
241,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें