शिवसेना में बगावत के बाद शिवसेना और महाविकास आघाडी सरकार में सियासी संकट गहराया हुआ है| शिवसेना नेता और मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के विधायकों ने बगावत कर दी है|शिंदे गुट के पास 39 विधायक होने का दावा है। शिवसेना के मंत्री भी शिंदे समूह में शामिल हो गए हैं। इसके लिए भाजपा नेता नीलेश राणे ने शिवसेना को जिम्मेदार ठहराया है|
नीलेश राणे ने दृढ़ता से सुझाव दिया है कि उद्धव ठाकरे को अपने समूह का नाम “शिवसेना” से “एकनाथ शिंदे” के बजाय “बैलेंस आर्मी” में बदलना चाहिए।
विधान परिषद चुनाव के नतीजे आने के बाद एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी थी। उस वक्त उनके साथ 13 विधायक थे। हालांकि, तब से यह संख्या बढ़ती जा रही है और शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने जानकारी दी है कि अब उनके पास शिवसेना के 39 विधायक और 12 निर्दलीय विधायक हैं। शिवसेना नेता उदय सामंत कल गुवाहाटी पहुंचे। उदय सामंत को आदित्य ठाकरे का करीबी माना जाता था। इसलिए इसे शिवसेना के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि वह शिंदे समूह में शामिल हो गई है।
बागी विधायकों में से 16 के खिलाफ की गई अयोग्यता कार्रवाई के खिलाफ एकनाथ शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है| शिंदे के अलावा उन्होंने शिंदे के अलावा किसी भी विधायक को शिवसेना समूह का नेता बनाए जाने को चुनौती दी है|उन्होंने विधानसभा के डिप्टी स्पीकर के अधिकारों में दखल देने का मुद्दा भी उठाया है| महाराष्ट्र में विधायकों की बगावत का मामला अब सीधे सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है|
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