बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन को अभी 5 दिन भी नहीं बीते हैं कि मुख्य विपक्षी दल बीएनपी ने सरकार को अस्थिर करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं|पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी ने अंतरिम सरकार में गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल सखावत हुसैन के इस्तीफे की मांग की है|ब्रिगेडियर जनरल सखावत हुसैन ने अवामी लीग को लेकर बयान दिया|बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने उन पर अवामी लीग का समर्थक होने का आरोप लगाया|दरअसल सखावत हुसैन शेख हसीना सरकार के कट्टर विरोधी थे|
बीएनपी सखावत हुसैन के बयान के आधार पर उनके इस्तीफे का दबाव बना रही है|मुख्य विपक्षी दल की इस मांग को सरकार को अस्थिर करने की चाल के तौर पर देखा जा रहा है|गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल सखावत हुसैन ने सोमवार को एक बयान दिया|उन्होंने शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग से कहा, ”बांग्लादेश की राजनीति में रहना है तो नेता और चेहरा बदलो|” मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यूनुस सरकार का शेख हसीना की अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने का कोई इरादा नहीं है|
हिंदुओं के लिए क्या किया गया?: उनके इसी बयान के आधार पर बीएनपी अब अंतरिम सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है।शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ते ही खालिदा जिया जेल से बाहर आ गईं|उनकी पार्टी अवामी लीग के खिलाफ मोर्चा खोलने की कोशिश कर रही है|इससे पहले सखावत हुसैन ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के लिए माफी मांगी|हिंदू त्योहारों के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया गया। राजनीतिक दलों को भी चेतावनी दी गई है कि बांग्लादेश में इस तरह से राजनीति नहीं चलेगी|
जमात-ए-इस्लामी जिम्मेदार: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा में अक्सर जमात-ए-इस्लामी का जिक्र आता है। पार्टी मुख्य विपक्षी बीएनपी की समर्थक है|आरक्षण विरोधी प्रदर्शन हाल ही में हिंसा में बदल गया था।हसीना सरकार ने जमात-ए-इस्लामी को जिम्मेदार ठहराया था|हसीना सरकार ने जमात-ए-इस्लामी और उसके छात्र संगठन पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए थे।
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