बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर मचे घमासान के बीच कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री इंडिया: मोदी क़्वेश्चन को लेकर भारत में बवाल मचा हुआ है। कई राज्यों में इस डाक्यूमेंट्री को दिखाया जा रहा है। जेएनयू में मंगलवार को इस पर हंगामा हो चुका है। इस बीच आइये जानते हैं कि बीबीसी को भारत में कब कब बैन किया गया।
इंदिरा गांधी ने बीबीसी को किया था बैन: बता दें कि बीबीसी के कुछ कार्यक्रमों को अदालत ने बैन किया था तथा कुछ को प्रसारण करने पर रोक लगा दिया गया था। 1970 में इंदिरा गांधी ने बीबीसी को बैन कर दिया था.जिसमें बीबीसी ने भारत की नकारात्मक छवि को पेश की थी।1970 में फ़्रांस के निर्देशक लुइस मैले की एक डाक्यूमेंट्री दिखाई गई थी। इसके बाद बीबीसी पर दो साल के लिए दिल्ली कार्यालय को सील कर दिया गया था। मैले ने दो डाक्यूमेंट्री बनाई थी.एक कलकत्ता दूसरी फैंडम इंडिया का प्रदर्शन ब्रिटिश टेलीविजन पर किया गया था। जिसकी विदेश में बसे भारतीयों ने आलोचना की थी। जिसके बाद बीबीसी पर यह कार्रवाई की गई थी।
स्टोरी ही फर्जी निकली थी : 2008 में भी भारत सरकार और बीबीसी के बीच तकरार हो चुकी है। बीबीसी ने एक पैनोरमा शो दिखाया था जिसमें कुछ बच्चे एक वर्कशॉप में काम करते हुए दिखाए गए थे ,जिस पर खूब हंगामा हुआ था।इस शो पर बाल श्रम को बढ़ावा देने का आरोप लगा था। बाद में यह स्टोरी ही फर्जी निकली थी। बीबीसी की ही सरकारी एक पैनल ने दावा किया था कि बेंगलुरु में इस वीडियो को फर्जी तरह से बनाया गया था।
निर्भया गैंग रेप मामले में डाक्यूमेंट्री: इसी तरह 2015 में निर्भया गैंग रेप मामले में बीबीसी द्वारा बनाई गई डाक्यूमेंट्री पर रोक को दिल्ली हाई कोर्ट ने सही ठहराया था। इतना ही नहीं इस डाक्यूमेंट्री की इंटरनेट पर भी प्रसारित करने से रोक दिया गया था। इसमें गैंग रेप के दोषी मुकेश सिंह को दिखाया गया था।
अभयारण्यों में शूटिंग करने से रोक: 2017 में भी बीबीसी द्वारा भारत के नेशनल उद्यानों और अभयारण्यों में शूटिंग करने से रोक दिया गया था। यह रोक पांच साल के लिए लगाई गई थी। इस डाक्यूमेंट्री में जानवरों के शिकार के बारे बताया गया था। जिससे भारत की छवि को धक्का लगा था।
ये भी पढ़ें
BBC डॉक्यूमेंट्री ने कांग्रेस का गिराया विकेट! अनिल एंटनी ने दिया इस्तीफा
सुषमा स्वराज का एक कॉल और परमाणु बम गिराने का पाक का प्लान फेल ?
महाराष्ट्र: गणतंत्र दिवस पर 901 पुलिसकर्मियों को पुलिस मेडल देने की घोषणा!