पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। चुनाव आयोग ने बंगाल के लिए ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल जारी कर दिया है, जिसमें 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाने के लिए चिन्हित किए गए हैं। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट का जारी होना SIR की गणना (enumeration) प्रक्रिया के पूरा होने का संकेत है और अब दावा, आपत्ति और सुनवाई के चुनौतीपूर्ण चरण की शुरुआत होने जा रही है।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, कुल 58,20,898 मतदाताओं के नाम डिलीशन के लिए पहचाने गए हैं। इनमें सबसे बड़ी संख्या मृत मतदाताओं की है। लगभग 24,16,852 नाम ऐसे हैं, जिन्हें मृत श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा 19,88,076 मतदाता ऐसे पाए गए हैं, जो स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं या माइग्रेट कर गए हैं।
ड्राफ्ट सूची में 12,20,038 मतदाताओं को लापता (missing) के रूप में चिन्हित किया गया है, जबकि 1,38,328 नाम डुप्लीकेट, फर्जी या गलत प्रविष्टियों के रूप में दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा 57,604 नाम अन्य कारणों से हटाने के लिए प्रस्तावित किए गए हैं। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिन मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची से बाहर किए गए हैं, वे आवश्यक दस्तावेजों के साथ फॉर्म-6 के जरिए अपना दावा या आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
SIR की यह प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जानी है। इसका दूसरा चरण फरवरी 2026 तक चलेगा, जिसमें दावे, आपत्तियां और सुनवाई शामिल होंगी। अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी, जो बंगाल विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आएगी।
बंगाल में SIR प्रक्रिया 4 दिसंबर से शुरू होकर 11 दिसंबर को समाप्त हुई थी। यह अभ्यास कई विवादों से घिरा रहा। इस दौरान अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के पलायन की चर्चाएं सामने आईं, वहीं बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) ने सख्त समयसीमा और अत्यधिक कार्यदबाव को लेकर विरोध भी जताया। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि SIR के दौरान लगभग 40 चुनाव कर्मियों की मौत हुई है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पूरी कवायद का कड़ा विरोध करते हुए भाजपा और चुनाव आयोग पर विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में हेरफेर की साजिश रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसी को भी बंगाल से बेदखल नहीं होने देगी और यदि लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए तो उन्हें सड़कों पर उतरने का आह्वान किया। एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा, “अगर आपका नाम डिलीट कर दिया गया, तो केंद्र सरकार को भी डिलीट कर देना चाहिए।”
वहीं, भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि ममता बनर्जी का SIR के खिलाफ आक्रामक रुख बांग्लादेशी घुसपैठियों से जुड़े अपने कथित वोट बैंक की रक्षा के लिए है।
बंगाल के अलावा यह विशेष गहन पुनरीक्षण अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में भी किया जा रहा है। चुनाव आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध, सटीक और पारदर्शी बनाना है, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता बनी रहे।
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