कांग्रेस के लिए राजस्थान की सचिन पायलट और अशोक गहलोत की रार ने पार्टी को चिंता में डाल दिया है। बता दें कि मध्य प्रदेश के बाद भारत जोड़ो यात्रा चार दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करेगी। इससे पहले ही आलाकमान के हाथ पांव फूल गए है। हाल ही में दोनों नेताओं ने एक बैठक में दूर दूर नजर आये। इससे साफ़ कि आने वाले समय में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में यह कड़वाहट देखने को मिल सकती है। इससे पहले ही कांग्रेस ने इस खटास को पाटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने दोनों नेताओं को कडा संदेश देते हुए कहा कि अगर जरुरत पड़ी तो इस मामले में कडा निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पार्टी का संगठन हमारे लिए सर्वोपरि है। इसके लिए अगर कोई ठोस कदम उठाना होगा तो उससे भी उठाया जा सकता है या समझौता से यह मामला सुलझता है तो उसे भी आजमाया जाएगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि राजस्थान के मसले पर पार्टी उचित हल ढूंढ रही है। समय आने पर उसका भी निवारण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पायलट और गहलोत गुट की रार को केवल कांग्रेस का आलाकमान ही खत्म करेगा।साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी को पायलट और गहलोत दोनों की जरुरत है। गौरतलब है कि हाल ही में गहलोत ने सचिन पायलट को गद्दार कहा था। उन्होने यह भी कहा था कि एक गद्दार कभी भी राज्य का मुख्यमंत्री नहीं बन सकता।
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