कौन हैं किसानों के “मसीहा” चौधरी चरण सिंह, जिन्हें मिला भारत रत्न 

पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर जानकारी दी

कौन हैं किसानों के “मसीहा” चौधरी चरण सिंह, जिन्हें मिला भारत रत्न 

देश के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और डॉक्टर एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी। तीनों शख्सियतों को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया है।

चौधरी चरण सिंह का योगदान अतुलनीय 

पीएम मोदी ने लिखा कि “हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।”

पीएम मोदी ने आगे लिखा ”  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे हमारे किसान भाई बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पुरे देश को प्रेरित करने वाली है।”बताते चले कि कि जयंत चौधरी के दादा और भारत के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी चरण सिंह लंबे समय से भारत रत्न देने की मांग की जा रही थी। इस घोषणा के बाद जयंत चौधरी ने ने एक्स पर लिखा ” दिल जीत लिया!”

चौधरी चरण सिंह का जन्म 
चौधरी चरण सिंह का जन्म  23 दिसंबर, 1902 में हुआ था।  उनका जन्म एक जाट परिवार से हुआ था। चौधरी चरण सिंह एक मध्यवर्गीय परिवार में जन्म हुआ था। वे सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी भाग लिया था। उन्होंने हिंडन नदी पर नमक बनाकर महात्मा गांधी का समर्थन किया था।चौधरी चरण सिंह सबसे पहले 1937 में विधायक चुने गए थे। इसके बाद 1946, 1952 और 1967 में जीत दर्ज की थी। सबसे पहले वे यूपी के छपरौली से चुने गए थे। 1951 में  चौधरी चरण सिंह कैबिनेट मंत्री बने थे। इसके बाद चौधरी चरण सिंह 1962 से लेकर 63 तक  केंद्रीय कृषि मंत्री और वन मंत्री रहे।

चौधरी चरण सिंह पहली बार 3 अप्रैल 1967 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि उन्होंने एक साल बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 17 फरवरी 1970 को चौधरी चरण सिंह दोबारा  मुख्यमंत्री बने थे। चौधरी चरण सिंह केंद्र में गृहमंत्री भी रहे थे और मंडल और अल्पसंख्यक आयोग बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके बाद वित्त मंत्री ,उप प्रधानमंत्री  के साथ ही 28 जुलाई 1979 को  प्रधानमंत्री बने थे। वे देश के पांचवें प्रधानमंत्री थे।

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