हाथरस की भगदड़ दुर्घटना की जांच को लेकर एसआईटी गठित की गई थी, जिसका अहवाल आने के बाद हाथरस के एसडीएम और सीओ को निलंबित किया गया है। दूसरी ओर यह दुर्घटना भीड़ में जहरीली गॅस के कैन को खोलने होने का दावा नारायण साकार हरी उर्फ़ भोले बाबा के वकील ए.पी.सिंह ने किया है। वकील ने यह भी कहा है की बाबा के सेवकों ने हमेशा से भक्तों की सहायता करते आए है। परन्तु इस मामले में साक्ष्यों को वकील के दावों को ख़ारिज करते देखा जा रहा है। उन्होंने कहा की जब भगदड़ की घटना घटी तब बाबा के सेवक भाग खड़े हुए।
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग के दौरान भगदड़ मची, जिसमें 123 मासूमों की मृत्यु हुई। इस प्रकरण में भोलेबाबा का पक्ष रखते हुए उनके वकील माध्यमों में बात रखते दिख रहें है। मामले में रविवार (7 जुलाई) के दिन उन्होंने दावा किया की यह दुर्घटना जहरीली वायु के फ़ैलाने से हुई है, जो की उन्हें यह बात एक प्रत्यक्षदर्शी ने नाम उजागर न करने के शर्त पर बताई है। उनका कहना है की 15-16 लोग जहरीली गॅस के कैन लेकर आए थे और भीड़ वाली जगह देखकर उन्होंने कैन खोल दिए, जिससे भगदड़ मची, जिसको लेकर प्रत्यक्षदर्शी सामने आयें है, लेकिन वकील के सभी दावों को ठुकराया है।
हाथरस की घटना के प्रत्यक्षदर्शी राजेश ने बताया है की जहां भगदड़ मची वहाँ से बाबा के सेवक मात्रा 70-80 मीटर पर थे। लोग जब एक दूसरे को पैरों के निचे कुचलकर भाग रहे थे, उस वक्त बाबा के सेवक एक दूसरे के पीछे से निकल रहे थे। राजेश ने आगे बताया की घायलों को बाबा के सेवकों ने नहीं बल्कि पुलिस और स्थानिक लोगों ने मदद की थी। बाबा के सेवक घटनास्थल से निकल चुके थे। इसके अलावा एक और प्रत्यक्षदर्शी ने इस बात की पुष्टि की है, जिसमें उन्होंने कहा की इतनी भगदड़ के बिच लोग एक दूसरे पर गिर रहे थे, एक दूसरे को कुचल रहे थे और भाग रहे थे ऐसे में बाब के सेवक भी भाग रहे थे, कोई बचाने नहीं आया।
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