इसी साल के अंत में होने वााले हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने एक बड़ा दांव खेलते हुए राज्य के हट्टी समुदाय को आदिवासी समुदाय का दर्जा देने का फैसला किया है।
खुद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को ये जानकारी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद जयराम ठाकुर ने कहा कि लंबे समय से मांग कर रहे हट्टी समुदाय की बात मान ली गई है।
उन्होंने कहा, “हिमाचल प्रदेश में हट्टी समुदाय लंबे समय से आदिवासी समुदाय का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहा था। मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और इस पर चर्चा की। सभी तकनीकी पहलुओं को जल्द ही पूरा किया जाएगा और हट्टी समुदाय को आदिवासी समुदाय का दर्जा दिया जाएगा।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1967 में ही उत्तराखंड के जौनसार बावर क्षेत्र को अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोषित कर दिया था लेकिन हिमाचल प्रदेश के लोगों को इसका लाभ नहीं मिला और तभी से इसी तर्ज पर हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिए जाने की मांग उठती रही है।
जौनसार बावर क्षेत्र उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है। ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबकि हाटी समुदाय के लोगों की संख्या ढाई लाख के करीब थी जो आज तीन लाख हो गई है।
यह पूछे जाने पर कि इस मांग को पूरा करने में हुई इतनी देरी के लिए वह किसे दोषी ठहराएंगे, ठाकुर ने कहा, ‘‘अब हम इस स्थिति पर पहुंचे हैं, इसलिए देरी के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं होगा।’’
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने का वादा किया था और उसके बाद से उनकी सरकार इस मामले को लगातार आगे बढ़ाती रही है।
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